चंडीगढ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज दावा किया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से कपड़ा उद्योग पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पडने जा रहा है। मुख्यमंत्री यहां आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा आयोजित विधानसभा के सदस्यों प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों के लिए जीएसटी पर आयोजित सेमिनार को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कपड़ा उद्योग को जीएसटी के 5 प्रतिशत स्लैब के अंतर्गत किया गया है और मध्यवर्ती सामान पर अदा किए गए कर पर पूर्णत इनपुट टैक्स क्रेडिट को भी मंजूरी दी जाएगी।
वर्तमान में 3.38 प्रतिशत के साथ केन्द्रीय आबकारी ड्यूटी पर एम्बेडेड टैक्स और सूती धागे पर 2.8 प्रतिशत वैट है। हालांकि कपड़े पर 5 प्रतिशत की दर से लगने वाले कर से कोई अतिरिक्त भार नहीं पडऩे जा रहा है। उन्होंने कहा कि कपड़े पर जीएसटी के माध्यम से व्यापक प्रभाव को कम किया जाएगा और कपड़े पर कुल प्रभावी कर को भी न्यूनतम किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वार्षिक औसत महंगाई दर 6 से 8 प्रतिशत है और न्यूनतम कर भार से कपड़ा उद्योग को कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है जबकि जीएसटी कपड़ा व्यापारियों के लिए कपड़ा आपूर्ति के लिए एक एकीकृत चेन मुहैया करवाएगा और आईटीसी के लाभ के प्रयोग को भी स्वीकृति देगा। इससे न केवल लेखे-जोखे वाले व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि और अधिक पारदर्शिता भी आएगी।