नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल की दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न की हत्या के मामले में पिंटो परिवार की मंजूर की गयी अग्रिम जमानत के खिलाफ याचिका पर एक दिसंबर को सुनवाई करेगा। प्रद्युम्न के पिता वरुण चंद, ठाकुर ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा पिंटो परिवार के सदस्यों को अग्रिम जमानत मंजूर किये जाने को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।
याचिकाकर्ता की ओर से सुशील टेकरीवाल ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए। एम। खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख करते हुए दलील दी कि पिंटो परिवार के सदस्यों के बाहर रहने से मामले की जांच प्रभावित होगी। इतना ही नहीं, ये गवाहों को भी प्रभावित कर सकते हैं।
श्री टेकरीवाल की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने याचिका की सुनवाई के लिए एक दिसम्बर की तारीख मुकर्रर की। याचिका में कहा गया है कि पिंटो परिवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से मिली जमानत निरस्त की जानी चाहिए। सीबीआई ने उच्च न्यायालय में कहा था कि जांच अहम मोड़ पर है और पिंटो परिवार की भूमिका को खारिज नहीं किया जा सकता। सीबीआई ने यह भी कहा कि इस मामले में पिंटो परिवार की भूमिका की जांच जरूरी है। इसलिए पिंटो परिवार को उच्च न्यायालय से मंजूर जमानत निरस्त की जानी चाहिए।