रोहतक: पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अपनी मुलाकात के बाद उठी सियासी चर्चाओं पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विराम लगा दिया है। दोनों की मुलाकात के बाद भाजपा से हुड्डा की नजदीकियों पर हरियाणा में चर्चा तेज थी मगर आज हुड्डा ने एक प्रैस कॉन्फ्रेंस कर सारी चर्चाओं पर फुल स्टॉप लगा दिया। हुड्डा ने कहा कि ये मुलाकात सिर्फ शिष्टाचार के नाते की गई थी और इसके कोई सियासी मायने न निकालें। हुड्डा ने साफ तौर पर कहा कि हां मैं मोदी से मिला हूं और आगे भी ऐसी मुलाकातें होती रहेंगी और इसके कोई सियासी मायने न निकाले जाएं। उन्होंन इस दौरान जयतीर्थ दहिया के उन बयानों पर भी चुटकी ली जिसमें दहिया ने कहा था कि हुड्डा-मोदी की मुलाकात के बड़े सियासी मायने हैं। हुड्डा ने दहिया के उस बयान पर कहा कि सबके अपने निजी बयान होते हैं और सबकी अपनी निजी राय होती है।
हुड्डा ने साफ किया कि दहिया के बयान को इस मुलाकात से जोड़ कर न देखा जाए क्योंकि इस मुलाकात का कोई राजनीतिक महत्व नहीं है। भूपिंदर सिंह हुड्डा ने इस दौरान सिर्फ अपनी और मोदी की मुलाकात पर सफाई ही नहीं दी बल्कि सूबे की मनोहर सरकार पर हमलावर रुख भी अपनाया। हुड्डा ने कहा कि भाजपा की सरकार चाहे केंद्र में हो या फिर प्रदेश में, दोनों जगह ही सरकारें फेल रही हैं औऱ यही वजह है कि कांग्रेस दोनों की हमेशा खिलाफत करती आई है। हुड्डा ने कहा कि अगर भाजपा सरकार कुछ अच्छा कर रही होती तो फिर कांग्रेस पार्टी कदम कदम पर भाजपा के खिलाफ मोर्चा न खोलती। इनेलो पहले ही बयान दे चुकी थी कि सीबीआई जांच से बचने के लिए हुड्डा भाजपा का रुख करने में लगे हैं। इस बयान के जरिये हुड्डा ने इनेलो को भी करारा जवाब दिया।
हुड्डा ने कहा कि इनेलो पार्टी के नेता खुद डरे हुए हैं और जो लोग डरे हुए हैं वही मेरे बारे में ऐसी बातें फैला रहे हैं। हुड्डा ने कहा कि इनेलो ने तो राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा को समर्थन देकर खुद ही साफ कर दिया कि वो भाजपा की टीम-बी है और इसके बावजूद मुझ पर आरोप लगाना उनके डर को साफ साफ दिखाता है। उन्होंने खदान मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर कहा कि यह बड़ा घोटाला है और इससे पहले भी प्रदेश में कई बड़े घोटाले हुए है, जिनमें बिजली मीटर व धान खरीद घोटाला भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इस घोटालो की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
सिरसा डेरा प्रमुख बाबा रामरहिम गुरूमीत के आने वाले अदालत के फैसले को लेकर हुड्डा ने प्रदेश वासियों से शांति बनाने की अपील की और कहा कि प्रजातंत्र लाठी व गोलियों से नहीं जनता है। प्रजातंत्र लोगों के दिलों पर राज करने से चलता है, जोकि भाजपा सरकार नहीं कर पाई और इसी का यह नतीजा रहा है कि फरवरी 2016 में आंदोलन हिंसक हुआ। उन्होंने इनेलो पर निशाना साधा और कहा कि छाज तो बोले छल्लनी भी क्या बोले। इनेलो तो भाजपा की बी टीम है और भाजपा सरकार के सामने सरेडर कर रखा है। चाहे राष्ट्रपति का चुनाव हो या फिर राज्यसभा का। किसानों के कर्ज माफी को लेकर उन्होंने सवाल उठाए और कहा कि जब यूपी व महाराष्ट्र में किसानों के कर्ज माफ हो सकते है तो हरियाणा में क्यों नहीं। धान के समर्थन मूल्य लागू करने को लेकर भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि स्वामीनाथन रिपोर्ट के आधार पर मूल्य लागू करे और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट भी सरकार लागू करे।
(मनमोहन कथूरिया)