चंडीगढ : हरियाणा में पिछले छह दिन से चल रही सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का खामियाजा प्रदेश की आम जनता भुगत रही है। हरियाणा के शहरों तथा कस्बों में हर जगह कचरे के ढेर जमा हो गए हैं। भीषण गर्मी तथा बारिश के चलते बीमारी फैलने का खतरा पैदा हो गया है। चंडीगढ़ मुख्यालय के पास प्रदेश के सभी कस्बों से आ रही रिपोर्ट में यह साफ हो चुका है कि वर्तमान में राज्य का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां सार्वजनिक स्थानों पर कचरे के ढेर जमा न हो रहे हों। हरियाणा में नगर परिषदों तथा नगर पालिकाओं में बतौर सफाई कर्मी सेवाएं दे रहे करीब तीस हजार कर्मचारी पिछले छह दिनों से हड़ताल पर हैं।
कर्मचारियों ने पहले प्रदेश में 72 घंटे की हड़ताल का ऐलान किया था जिसे बाद में तीन दिन के लिए बढ़ा दिया गया। इन कर्मचारियों का दावा है कि वह पिछले करीब दस वर्षों से ठेकेदार के माध्यम से अथवा कच्ची भर्ती के माध्यम से सफाई कर्मी के रूप में कार्यरत हैं। हर बार चुनाव के समय में उन्हें पक्का किए जाने का वादा किया जाता है लेकिन सत्ता में आने के बाद राजनीतिक दल इस वादे को भूल जाते हैं। हरियाणा में ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, समान काम व समान वेतन की मांग को लेकर करीब तीस हजार कर्मचारी हड़ताल पर हैं। प्रदेश की नगर परिषदों एवं नगर पालिकाओं के अधिकार क्षेत्र में पिछले छह दिनों से कचरा नहीं उठाया जा रहा है।
प्रदेश के रोहतक, सिरसा, करनाल, पानीपत आदि जिलों से आई रिपोर्ट के अनुसार अब तक प्रत्येक शहर में औसतन चार सौ से पांच सौट टन कचरा जमा हो चुका है। सफाई कर्मचारियों की हड़ताल अगर समाप्त भी हो जाती है तो भी इस कचरे को उठाने तथा पूरी तरह से साफ करने में कम से कम तीन दिन का समय लगेगा। इस बीच भीषण गर्मी के साथ-साथ कई जगहों पर रविवार की शाम हुई बारिश ने लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है। विभिन्न शहरों में बातचीत करने पर पता चला कि बारिश के बाद आज कचरे के ढेरों से बदबू आनी शुरू हो गई है। ऐसे में किसी तरह की बीमारी फैलने की आशंकाओं से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
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(राजेश जैन)