सिरसा: जननायक चौ.देवीलाल का जन्मदिवस तो इंडियन नैशनल लोकदल पार्टी हर साल सम्मान दिवस के तौर पर मनाती है लेकिन इस बार भिवानी के मंच से एसवाईएल को लेकर जो शंखनाद नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला ने किया है,उससे संकेत साफ है कि हरियाणा के सियासी पटल पर अभय चौटाला के रूप में एक नए जलनायक का उदय हो रहा है। एसवाईएल का मुददा जितनी गंभीरता और शिद्वत से आईएनएलडी और अभय चौटाला ने उठाया है,उससे यह संकेत मिल रहे है कि आने वाले दिनों में हरियाणा की सियासत इस गंभीर और संवेदनशील मुददे के ईदगिर्द ही घूमेगी। पिछले एक साल में जलयुद्व छेड़नेऔर पंजाब की जेल यात्रा तक करने के बाद अभय सिंह के जो तेवर है वो साफ है कि अगर केन्द्र सरकार और पंजाब की सरकार ने एसवाईएल को लेकर कुछ गंभीर कदम नही उठाए और माननीय सर्वाच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना हुई तो एक बड़ा राजनीतिक घमासान छिड़ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में एसवाईएल पर जवाब दाखिल करने के लिए अब केन्द्र सरकार के पास चंद हफते ही बचे है। ऐसे में केन्द्र का रूख अगर हरियाणा को एसवाईएल का पानी दिलाने को लेकर साफ और स्पष्ट नही हुआ तो हरियाणा हित से जुड़े इस मुददे को लेकर आईएनएलडी और अभय चौटाला कोई भी कसर बाकी नही रखेगें। चौ.देवीलाल की 104वीं जंयती पर रैली के लिए भिवानी को चुना जाना भी कही ना कही रणनीति के तौर पर एसवाईएल से जुड़ा है क्योकि दक्षिण हरियाणा के साथ-साथ भिवानी ही वो जिला है,जिसके सबसे ज्यादा हल्के और सबसे ज्यादा रकबा एसवाईएल के पानी से प्रभावित होगा।
इनेलो द्वारा भिवानी में आयोजित की गई सम्मान दिवस रैली में उमड़े जनसमूह ने भी ये स्पष्ट संदेश दे दिया कि नेता प्रतिपक्ष के तौर पर अभय चौटाला द्वारा प्रदेशहित में लड़ी जा रही लड़ाई में इनेलो का एक-एक कार्यकर्ता पहले से अधिक मजबूती के साथ उनके पीछे खड़ा हुआ है। माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद आईएनएलडी का रूख आक्रामक है और नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला ने जिस तरह से एसवाईएल को हरियाणा की जीवनरेखा के तौर पर पेश किया उससे भिवानी सहित बाकी दक्षिण हरियाणा में भी लोकदल की राजनीतिक जमीन और पार्टी की जड़े एसवाईएल के पानी से ही सिचिंत होगी। जैसा कि उम्मीद ही नही बल्कि तस्वीर लगभग साफ है कि आगामी हरियाणा विधानसभा का चुनाव लोकसभा के चुनावों के साथ ही होगें।
ऐसे में एसवाईएल के मुददे पर लोकदल अगला चुनाव लडऩे की रणनीति तैयार कर रहा है। हांलाकि मुददे इसके अलावा और भी है लेकिन एसवाईएल का पानी अब हरियाणा की खेती-किसानी और रोजी-रोटी से जुड़ गया है इसलिए एसवाईएल की अहमियत को अभय चौटाला बखूबी पहचानते है। जब तक पंजाब में अकाली-भाजपा की सरकार थी तब तक लोकदल पर बादल परिवार से मिलीभगत के आरोप विपक्ष की ओर से लगते रहे है लेकिन अब पंजाब में कांग्रेस की सरकार है,हरियाणा में बीजेपी की सरकार है और केन्द्र में भी बीजेपी की सरकार है। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस इस मुददे पर दोनो ही बेकफुट पर है।
(दीपक शर्मा)