रोहतक : होडल में आयोजित पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की जनक्रांति रैली से प्रदेश में एक बार फिर से राजनीतिक सरगर्मिया तेज हो गई है। भीड़ से गदगद पूर्व सीएम ने भाजपा व इनेलो को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोडी और सरकार की नाकामिया गिनवाकर उन्हें मुद्दों को छेडा, जो कि खट्टर सरकार के लिए सिरदर्द बने रहे। चाहे जाट आरक्षण का मामला हो या फिर पंचकुला हिंसा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। साथ ही उन्होंने उन्हीं दस वायदों को लेकर सत्ता तक पहुंचने के लिए जनता के बीच पासा फेंका।
होडल रैली को लेकर राजनीतिक पंडित भी मानते है कि रैली से पूर्व सीएम की ओर ताकत बढ़ेगी। पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष खुलकर बेटिंग कर रहे थे, लेकिन हुड्डा को चोट लगने की वजह से वह उनकी तरफ से कोई खास प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी, पहले तो यह माना जा रहा था कि पूर्व सीएम अपनी इस यात्रा को स्थगित करेंगे, लेकिन उन्होंने घायल अवस्था में रैली में जाकर एक तीर से दो निशाने साधे।
पहले तो उन्होंनें अपने विरोधियों के मुंह बंद कर दिये जो कि यह प्रचार कर रहे थे कि हुड्डा सीबीआई के डर से यात्रा की शुरुआत नहीं करेंगे, दूसरा पूर्व सीएम ने सफल रैली कर कांग्रेस हाईकमान को अपनी ताकत का अहसास कराया। अब देखना यह है कि पूर्व सीएम की यह रैली प्रदेश में क्या समीकरण तय करती है।
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(कथूरिया)