करनाल: आने वाले सात दिनों के अंदर-अंदर जिला प्रशासन के सभी अधिकारी अपने घरों में लगे बिजली के मीटर बाहर लगवाने की व्यवस्था करें ताकि आम जनता के सामने पे्ररक उदाहरण पेश हो सके कि प्रदेश सरकार की जो नीति है उसके तहत मीटर बाहर लगवाएं जा रहे है। यदि कोई अधिकारी सप्ताह के बाद तक अपना बिजली का मीटर बाहर नहीं लगवाएगा, तो बिजली वितरण निगम द्वारा संबंधित के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि अपने घरों के बिजली के मीटर बाहर लगवाना सुनिश्चित करें। यह निर्देश मुख्य संसदीय सचिव डा०कमल गुप्ता ने बुधवार को स्थानीय पंचायत भवन में जिला लोक सम्पर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक को सम्बोधित करते हुए दिये। बैठक में एजेंडा अनुसार कुल 11 शिकायतें रखी गई, जिनमें से 8 शिकायतों का मौके पर ही समाधान कर दिया गया। एजेंडे में शामिल शिकायतों के अलावा सीपीएस ने करीब 100 शिकायतों का भी मौके पर समाधान किया तथा संबंधित अधिकारियों को शिकायतों से संबंधित आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। सीपीएस ने कहा कि समिति की बैठक को कोई भी अधिकारी हल्के में ना लें बल्कि बैठक में पूरी तैयारी के साथ समय पर आना सुनिश्चित करें। अगर किसी अधिकारी को किसी जरूरी काम से बाहर जाना पड़ जाता है तो वह उपायुक्त को बताकर जाए। बैठक में पहुचंने पर उपायुक्त मंदीप सिंह बराड़ ने सीपीएस का स्वागत किया।
बैठक में पहली शिकायत गांव अमृतपुर कलां की रहने वाली रूकमनी ने की थी। शिकायत में कहा गया था कि उसे सिलाई मशीन हेतू जो राशि मिलनी थी, वह उसे नहीं मिली है। इस पर औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के सहायक निदेशक ने बताया कि प्रार्थी के बैंक खाते की प्रति संलग्र नहीं थी, लेकिन अब प्रति उपलब्ध होने पर संबंधित राशि खाते में जमा करवा दी गई है। सीपीएस ने संबंधित शिकायत को फाईल करने के निर्देश दिये। बैठक में दूसरी शिकायत गांव ब्रास के रहने वाले आनंद ने की थी। शिकायत में कहा गया कि उनकी पत्नी की मृत्यु हो चुकी है और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत मिलने वाली राशि उन्हें नहीं मिली है। इस पर एलडीएम ने बताया कि योजना में संबंधित प्रार्थी का पंजीकरण नहीं हुआ था,लेकिन प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में पंजीकरण हुआ था। बैंक स्तर पर जांच करने उपरांत पाया गया कि संबंधित प्रार्थी के पास योजना से संबंधित रसीद थी लेकिन उसे लाभ नहीं मिल पाया। इस पर सीपीएस ने कड़ा संज्ञान लेते हुए कहा कि इसमें प्रार्थी की कोई गलती नहीं है,प्रार्थी को दो महीने के अंदर-अंदर बैंक अपने स्तर पर संबंधित बीमे की राशि उपलब्ध करवाएं। सीपीएस ने संबंधित शिकायत को फाईल करने के निर्देश दिये
बैठक में तीसरी शिकायत असंध के रहने वाले मंगल सिंह ने की थी। शिकायत में कहा गया कि उसने जमीन का बीमा करवाया था,लेकिन उसे सरकार की नीति अनुसार फसल के बीमे की राशि प्राप्त नहीं हुई है। इस पर डीडीए ने बताया कि संबंधित फसल का सर्वे बीमा कम्पनी द्वारा करवा दिया गया है। जितनी राशि होनी चाहिए उतनी बीमा कम्पनी के सर्वे द्वारा नहीं दी जा रही है। इस पर सीपीएस ने कहा कि डीडीए स्वयं इसकी जांच करें तथा जांच में समिति के दो सदस्य कविन्द्र राणा और सतबीर कुमार को भी शामिल करें और रिपोर्ट अगली बैठक में प्रस्तुत करें। सीपीएस ने संबंधित शिकायत को पेंडिग रखने के निर्देश दिये। बैठक में चौथी शिकायत सैयद छपरा के रहने वाले कालू की थी। शिकायत में कहा गया कि धोखाधड़ी से सेल्समैन गुरमैल सिंह ने लेन-देन में मुझ से हस्ताक्षर करवा लिये थे और काफी शिकायत करने के बाद भी संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो रही। इस पर एसडीएम इंद्री ने कहा कि दोनों पक्षों का आपस में लेन-देन था। संबंधित शिकायत के लिए कमेटी बनाई गई।
– आशुतोष गौतम, महिन्द्र