सोहना: यहां पर मलेरिया के 2 संदिग्ध मामले सामने आए है। जिनके नाम अनिता यादव व रेखा बताया गया है। फिलहाल दोनों मरीज खतरे से बाहर है। इससे पहले भी सोहना के साथ लगे मेवात में मलेरिया पीडि़त बच्ची का मामला सामने आया था। जिससे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के हाथ, पैर फूल गए है। असलियत ये है कि स्वास्थ्य विभाग के पास मेन पावर की कमी के चलते सोहना शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में एंटी लार्वा दवा का छिड़काव नही हो पा रहा है। लोगों का कहना है कि सोहना ग्रामीण क्षेत्र हो या शहर के लोग सभी जगह मलेरिया बुखार ने लोगों को अपनी जकड़ में लेना तेज कर दिया है। कुछ दिन पहले यहां पर गांव भौंड़सी में मलेरिया पीडि़त मरीज मिला था। जांच में उसे मलेरिया ग्रस्त पाया गया। ऐसे में गांवों के अंदर बैठने वाले नीम-हकीम और आरएमपी डाक्टर भी इलाज के नाम पर खूब चांदी कूट रहे है। निजी लैब वालों की भी मौज बन आई है।
मतलब यह कि लैब संचालक रोगी की जांच के नाम पर आरएमपी डाक्टर इलाज के नाम पर रोगियों की जेबें ढीली कर रहे है। खासकर निजी क्लीनिक संचालकों की खूब कमाई हो रही है। वजह भी है, सरकारी अस्पताल में खून जांच, मलेरिया व डेंगू बुखार की जांच आदि की कोई व्यापक व्यवस्था नहीं है। ना ही मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए लोगों को जागरूक बनाने के प्रति स्वास्थ्य विभाग गंभीर नजर आ रहा है। गंदगी का आलम है और मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि मलेरिया बुखार से लोग पीडि़त है। अस्पताल में भी मरीजों की लंबी-लंबी कतारें लगी देखी जा रही है तो वही निजी चिकित्सकों के यहां भी खूब भीड़ है।
इनेलो नेता नगेन्द्र सिंह डागर, युवा नेता योगेन्द्र घंघौला, कृष्ण खटाना, निहाल सिंह धारीवाल एडवोकेट, मुकेश राजपाल, प्रवीण राघव कालू, ठाकुरदास शर्मा, नंबरदार जितेन्द्र सैनी सोहना ढाणी, संदीप धारीवाल, अशोक गुर्जर लाखुवास आदि लोगों ने क्षेत्र में फैले मलेरिया के प्रकोप से स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराते हुए सोहना सरकारी अस्पताल में प्रत्येक तरह की जांच समेत पर्याप्त सुविधाएं मुहैया कराने और पैरामेडीकल स्टाफ के रिक्त पड़े पदों को तत्काल प्रभाव से भरे जाने व मच्छर मार दवा का छिड़काव कराए जाने व नगर परिषद प्रशासन से परिषद के तहत लगने वाले गांवों और शहर के प्रत्येक गली, मोहल्ले में विशेष रूप से सफाई अभियान चलाकर नाले, नालियों की अच्छे से सफाई और जगह-जगह लगे कूड़े के ढेरों को उठाए जाने की मांग की है।
– उमेश गुप्ता