रेवाड़ी : हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा है कि अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) का नाम राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के नाम होना चाहिए, क्योकि राजा महेन्द्र प्रताप सिंह ने हिन्दू व मुस्लिम में शिक्षा की अलख जगाने के लिए अपनी जमीन इस विश्वविद्यालय के लिए नि:शुल्क प्रदान की थी, शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि एएमयू के निर्माण में जिसका इतना बडा योगदान हो वहां राजा महेन्द्र प्रताप सिंह का चित्र तक नहीं है। कैप्टन अभिमन्यु रविवार को रेवाडी में जाट धर्मशाला भूमि पूजन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भावी पीढी को रास्ता दिखाने के लिए उनमें नये संस्कार पैदा करने होगें ताकि भावी पीढी उन गुणों के आधार पर सेवा संतोष व सभ्यता के भाव से समाज के लिए कार्य कर सकें। उन्होंने कहा कि बलिदान व त्याग हमारा गहना है हम उसे छोडगें नहीं, हम सेवाभाव से आगे बढेगें तथा नये प्रकार के गुण विकसित करेंगें। आज की नई पीढी को नई चुनौतियों का सामना करना पड रहा है। आईटी के इस युग में पूरी दुनिया सिमट कर रह गई है, ऐसे में सविधान के दायरे में रहकर कार्य करने के लिए नौजवान पीढी को सही रास्ता दिखाना हम सबका कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की किताबों में कौम को लुटेरा कहा गया है इस कंलक को मिटाने के लिए युवा पीढी को संस्कारवान होकर कार्य करना होगा।
उन्होंने कहा कि वास्तव में जो लुटेरे देश को लूटकर ले जाना चाहते थे उन्हें हमने यहां से माल नहीं ले जाने दिया, उन्हीं लोगों ने अपराध को इस समाज के साथ जोडने का काम किया है। उन्होंने राजा नाहर सिंह, चौधरी चरण सिंह, राजा महेन्द्र प्रताप सिंह, सर छोटूराम जैसे महानुभावों ने देश व समाज को नई दिशा देने का कार्य किया है जबकि कुछ लोगों ने समाज को बांटने के लिए किसी के नाम पर पार्क व किसी की प्रतिमा भी लगाई है। उन्होंने कहा कि राजा नाहर सिंह के अमर बलिदान का नाम उंचा करने के लिए यदि समाज साथ दे तो राजा नाहर सिंह के नाम का स्थल व स्मारक भी बनाया जा सकता है।
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