सोहना: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सेंट्रल जोन की भोपाल बैंच के 365 स्टोन क्रेशरों पर अवैध खनन वाला पत्थर खरीदने पर 45 करोड़ रुपए का भारी-भरकम जुर्माना लगाया है। साथ ही अगली सुनवाई की तारीख 6 फरवरी तय की है। जुर्माना अदा नही करने वाले स्टोन क्रेशरों को सील करने के आदेश दिए गए है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश से सोहना, इंडरी, रायसीना, नौरंगपुर, धौज, पाली, मोहम्मताबाद, फरीदाबाद व दक्षिणी हरियाणा में स्टोन क्रेशर चलाने वाले स्टोन क्रेशर संचालकों में हड़कंप का माहौल है। स्टोन क्रेशर संचालकों का कहना है कि एनजीटी की अगली सुनवाई तक वह क्रेशर बंद कर देंगे।
यदि ऐसा हुआ तो इसका सीधा असर दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में भवन निर्माण सामग्री आपूर्ति पर पड़ेगा और एनजीटी तथा ओवरलोडिंग के एक साथ आदेश का पालन करने से भवन निर्माण सामग्री, रोड़ी, बजरी, पत्थर के भाव 2 से 3 गुणा हो जाएंगे क्योकि ओवरलोडिंग पर रोकने से अब किसी भी डंपर, ट्रक आदि में 15 टन से ज्यादा रोड़ी, बजरी, पत्थर नही लाया-ले जा सकेगा। ध्यान योग्य ये है कि सोहना आसपास क्षेत्र में पहले से ही पत्थर खदानों में खनन कार्य पूरी तरह प्रतिबंधित है।
फिलहाल सोहना, साइबर सिटी और एनसीआर क्षेत्र में जो रोड़ी, पत्थर, बजरी आदि निर्माण सामग्री की आपूर्ति हो रही है, वह राजस्थान तथा चरखीदादरी, भिवानी से सप्लाई आ रही है। दक्षिणी हरियाणा के क्रेशर बंद होने पर कुंडली-मानेसर-पलवल तथा गाजियाबाद-पलवल एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य में भी बाधाएं आने की संभावना है क्योकि सरकारी ठेकेदार जिन्होने पहले भाव से विकास कार्यों के लिए ठेके लिए हुए है, उन्हे भी भारी दिक्कतें आएगी और आर्थिक नुकसान सहना पड़ेगा या लिया गया ठेका छोड़कर भागना पड़ेगा।
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– उमेश गुप्ता