गुरुग्राम: साइबर सिटी की क्राइम ब्रांच ने एक नाईजीरियन गिरोह का भंडाफोड़ किया है यह गिरोह की महिला पहले फेसबुक पर अपने शिकार ग्राहकों को फंसाती है उसके बाद उसके दोस्त ठगी करके फरार हो जाते हैं। साइबर सिटी पुलिस ने अब तक चारयुवकों को गिरफ्तार किया है। जबकि इनके दूसरे साथियों ने खुलासा किया कि एनसीआर और दिल्ली में उनका गिरोह सक्रिय है जो दोस्ती के नाम पर ठगी जैसी वारदातों को अंजाम देते हैं।
पुलिस ने लोगों को धोखा देकर पैसा एेंठने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह में दो नाईजीरियन व दो भारतीयों को पकड़ा गया है। इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने एक व्यक्ति को नया बिजनेस करने के नाम पर करीब बत्तीस लाख रुपये ठगा है। इन्हें कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस ढाई लाख रुपये, एक लैपटॉप व मोबाईल फोन बरामद किया है। जानकारी के मुताबिक सेक्टर-52 थाना क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति को फेसबुक जैकलिन आेरलेना नामक महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। फ्रेंड रिक्वेस्ट आने के बाद दोनों में दोस्ती हो गई। दोस्ती पक्की होते ही महिला ने उससे एक बिजनेस करने के बारे में बोला।
उसने बताया कि उसे हर्वल सीड्स का काम है। वह चाहे तो उसके साथ जुड़कर काम कर सकता है और लाखों कमा सकता है। पीडि़त उसकी बातों में आ गया। इसके बाद उसके घर पर पोल रेमंड नाम से एक व्यक्ति पहुंचा। उसने बीजों के सैंपल लिए और चला गया। बाद में पीडि़त ने महिला के बताए बैंक एकाउंड में बत्तीस लाख रुपए जमा कर दिए। इसके बाद से न तो जैकलिन ने उससे बात की न ही उसके द्वारा बताए किसी नंबर पर बात हो पाई। एेसी हालत में खुद को ठगा हुआ समझ कर पीडि़त ने पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने बैंक एकाउंट्स की जांच की तो पता चला कि दोनों ही एकाउंट नीरज वर्मा के नाम से है। जब इस व्यक्ति को पकड़ा गया तो पता चला कि इसका सही नाम राधेश्याम है। उसने नीरज वर्मा के नाम पर फर्जी एकाउंट बना रखा है। धोखाधड़ी में जो रकम आती थी उसका एक प्रतिशत इसे मिलता था। इसके साथ फैजान नाम का एक व्यक्ति भी शामिल है। पुलिस दोनों को 28 दिसंबर को ही पकड़ लिया था। बाद में इनके बताने पर पुलिस ने दोनों नाईजिरियन नागरिकों माईक हसी व इडविन को गिरफ्तार किया है।
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(सतबीर, अरोड़ा)