बल्लभगढ़: प्रदेश में अगर किसान को खाद लेनी है तो उसे पहले पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाना पड़ेगा। बगैर अंगूठा लगाए किसी भी किसान को रिटेलर की दुकान से खाद नहीं मिलेगी। यह व्यवस्था एक दिसंबर से लागू होगी। इतना ही नहीं किसी भी क्षेत्र में नेटवर्क हो या न हो बिना अंगूठा लगवाए रिटेलर (दुकानदार) किसानों को खाद नहीं बेच सकता है। अगर मशीन का नेटवर्क नहीं है तो उसका जिम्मेदार खुद रिटेलर ही होगा। अब नेटवर्क में कमी का बहाना नहीं चलेगा। यदि कोई पीओएस मशीन के बिना खाद बेचता मिला तो उसका लाइसेंस रद्द होगा। कृषि विभाग की ओर से प्रदेश में डीएपी, यूरिया, एमपीके, एससपी, पोटाश जैसे खाद बेचने के लिए करीब पांच हजार रिटेलर को लाइसेंस जारी किया है। सरकार पहले इन कंपनियों को खाद देने के लिए अनुदान देती है।
इसके बाद इसी अनुदान पर किसानों को बीज वितरण केंद्र पर खाद मिलता है। कई बार इन केंद्रों पर खाद न मिलने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस पर किसानों का आरोप होता है कि खाद उन्हें देने की बजाय दूसरे राज्यों व कंपनियों में ज्यादा रेट पर बेची जा रही है। इससे किसानों को अनुदान का लाभ भी नहीं मिल पाता। इस पर पाबंदी लगाने के लिए कृषि विभाग ने यह फैसला किया है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रिटेलर हमेशा नेटवर्क में कमी बताकर अंगूठा न लगने का बहाना बनाते हैं, क्योंकि नेटवर्क में कुछ समय के लिए परेशानी हो सकती है, हमेशा के लिए नहीं। कृषि विभाग की ओर से रिटेलर्स को पीओएस मशीन से खाद देने के लिए ट्रेंड किया जाएगा। इसके लिए विभाग प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक में 18 से 24 नवंबर तक रिटेलर को ट्रेनिंग देगा।
संबंधित कंपनी के कर्मचारी रिटेलर को इसके प्रति जागरूक करेगा। अगर किसी को कोई परेशानी हो तो वह ट्रेनिंग के दौरान दूर सकता है। कृषि अधिकारियों का कहना है कि किसानों को सब्सिडी पर खाद देने व दूसरे राज्यों में अवैध बिक्री पर रोक लगाना विभाग की प्राथमिकता है। इसके लिए रिटेलर को पीओएस मशीन देकर किसानों को आधार से लिंक करवाया था। अब रिटेलर का यह बहाना नहीं चलेगा कि मशीन का नेटवर्क नहीं है। किसानों का आधार कार्ड लिंक होने के बाद भी बार-बार रिटेलर का यही बहाना रहता था कि नेटवर्क नहीं है। अब यह बहाना नहीं चलेगा। एक दिसंबर से अंगूठा लगाए बिना न किसान को खाद मिलेगी और न रिटेलर बेच सकेगा। उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई होगी।
– सुरेश बंसल