चंडीगढ़: मुम्बई में सीआईआई इनवेस्ट नॉर्थ 2017 के छठे सम्मेलन के दौरान हरियाणा द्वारा एक ऐसे मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग (एमओयू) पर हरियाणा सरकार और वरबिंड कम्पनी द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के समाचार पर टिप्पणी करते हुए नेता विपक्ष अभय सिंह चौटाला ने कहा कि इस एमओयू से छह लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर तो उपलब्ध नहीं होंगे परंतु कांग्रेस द्वारा एक औद्योगिक घराने के साथ किए गए इकरार की पालना भाजपा सरकार द्वारा अवश्य की जाएगी। इस समझौते पर हस्ताक्षर कर हरियाणा सरकार ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि कांग्रेस और उसमें कोई विशेष अंतर नहीं है। नेता विपक्ष ने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि अभी 2016 में ही हरियाणा सरकार द्वारा गुरुग्राम में हैपनिंग हरियाणा ग्लोबल इनवेस्टर समेंट का आयोजन किया गया था जिसके पश्चात 359 एमओयू पर हस्ताक्षर की घोषणा की गई थी।
इन एमओयू द्वारा प्रदेश में 5.84 लाख करोड़ का पूंजी निवेश होना था जिसके द्वारा पांच लाख लोगों को नौकरियां दिलाने का वायदा किया गया था। किंतु शीघ्र ही प्रदेश ने यह देखा था कि वह घोषणाएं न केवल खोखली थी बल्कि जनता को भ्रमित करने वाली भी थी। तब जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे उनमें सबसे अधिक प्रचारित चीन का वांडा ग्रुप की कम्पनियों के साथ किया गया समझौता था। उस समझौते के अंतर्गत प्रदेश में दस अरब रुपयों का केवल उसी कम्पनी ने पूंजी निवेश करना था। इनमें सोनीपत के खरखौदा के औद्योगिक शहर का भी विकास शामिल था। इन घोषणाओं के तुरंत बाद ही वांडा ग्रुप की असलियत भी सामने आ गई थी जब चीन सरकार ने उस पर विदेशों में पूंजी निवेश करने पर पाबंदी लगा दी थी। उस पर आरोप था कि अपने कारोबार के दौरान उसने चीन के अनेक कानूनों की उल्लंघना की थी।
इनलो नेता ने आगे कहा कि इन तथ्यों को देखते हुए इससे पहले कि खट्टर सरकार प्रदेश के युवाओं को नए सपने दिखाए उसे पहले यह स्पष्ट करना चाहिए कि हैपनिंग हरियाणा ग्लोबल समिट के दौरान जिन पांच लाख रोजगारों के उपलब्ध होने का सब्जबाग दिखाया गया था, वह कहां हैं? उन्होंने यह भी कहा कि अब किए गए नए समझौते के अनुसार गुरुग्राम क्षेत्र में लॉजिस्टिक्स हब के विकास की योजना बनाई गई है। किन्तु इससे पहले कि इस हब के विकास की बात हो सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि उस हब में पनपने वाली इकाइयां किन उद्योगों की सहायता के लिए काम करेंगी? उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा के लोगों को आशंका है कि जिस 600 एकड़ भूमि पर इस लॉजिस्टिक्स हब की बात की जा रही है वह वास्तव में हुड्डा सरकार द्वारा परिकल्पित एसईजेड परियोजना का ही नया अवतार है।