चंडीगढ़: कृषि ट्रैक्टरों को ट्रांसपोर्ट सेक्टर में रखने बारे केंद्र सरकार के प्रस्ताव को रोकने बारे जो निर्णय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इनेलो के आग्रह पर लिया है, उसका श्रेय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा लेने के प्रयास की नेता विपक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला ने निंदा की है। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र सरकार के अपने पहले के निर्णय पर रोक लगाने के बारे में भूमिका निभाना तो दूर उनके द्वारा वर्ष 2016 में लीए गए फैसले से तो राज्य के किसान तबाही के कगार पर खड़े हो गए थे।
अभय सिंह चौटाला ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा तो ट्रैक्टर को ट्रांसपोर्ट सेक्टर में रखने का प्रस्ताव इस वर्ष सितम्बर माह में लिया गया परंतु उसकी तैयारियां और किसानों को तबाही की ओर ले जाने की साजिश हरियाणा सरकार द्वारा वर्ष 2016 में ही प्रारम्भ की जा चुकी थी। उन्होंने कहा कि सितम्बर 19, 2016 की हरियाणा सरकार की गजट नोटिफिकेशन के अनुसार गैर कृषि उपयोग वाले ट्रैक्टरों पर टैक्स निर्धारित किया गया था। एक ही बार टैक्स देने वालों को 15 लाख रुपए जमा करवाने थे और जो ऐसा नहीं करना चाहते उन द्वारा एक लाख 50 हजार रुपया प्रति वर्ष जमा कराना था। इस प्रावधान की पृष्ठभूमि में जब इस वर्ष ट्रैक्टरों को ट्रांसपोर्ट वाहन घोषित करने का प्रस्ताव रखा गया तो उससे स्पष्ट था कि ऐसा नियम बन जाने के बाद कोई भी किसान ट्रैक्टर नहीं ले पाता जिससे उसकी खेती और आर्थिक हालत पर प्रतिकूल असर पडऩा था।
इनेलो नेता ने याद दिलाया कि उनके नेतृत्व में 6 दिसम्बर को इनेलो का एक प्रतिनिधिमण्डल सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से इस सिलसिले में मिलने दिल्ली गया था। इनेलो की बात धैर्य से सुनने पर केंद्रीय मंत्री समझ गए थे कि उनके मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित परिवहन नियम में बदलाव का प्रभाव भारतीय किसानों पर पड़ेगा। परंतु उस दिन समय के अभाव के कारण और समस्या की गम्भीरता को समझते हुए और उस पर विस्तार से चर्चा करने के लिए उन्होंने नेता विपक्ष से कहा कि वह एक बार फिर 12 दिसम्बर को उनके और उनके अधिकारियों के साथ मुलाकात करें ताकि समस्या को समझा जा सके और किसान हित में उसका हल ढूंढा जा सके।
इस अगली मुलाकात के बाद ही केंद्र द्वारा टै्रक्टरों को ट्रांसपोर्ट सेक्टर में लाने के अपने प्रस्ताव पर रोक लगाई थी। नेता विपक्ष ने कहा कि दोनों ही मुलाकातों में उन्हें ऐसा कोई संकेत नहीं मिला और न ही राज्य सरकार ने इस बारे किसानों को कोई आश्वासन दिया जिससे यह लगे कि हरियाणा सरकार भी किसानों पर आने वाले इस संकट को समझी है और उसका हल तलाश करना चाहती है। इस कारण अब जब इनेलो के प्रयासों और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की सूझबूझ के कारण किसानों पर आने वाला यह संकट टल गया है तो मुख्यमंत्री खट्टर द्वारा उसका श्रेय लेने का प्रयास निंदनीय है।
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(आहूजा)