चंडीगढ: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण तथा पशुपालन एवं डेरी मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि शहरों के आसपास 50-100 एकड़ भूमि पर डेरी एरिया विकसित करने की योजना है। इन डेरी एरिया में दुधारू पशुओं के लिए पीजी भी खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि झज्जर में 27-29 अक्तूबर तक तीन दिवसीय सर्वश्रेष्ठ नस्ल के पशुओं के मेले का आयोजन किया जाएगा और इस पशु मेले में देसी, राठी, साहीवाल नस्ल की गाय व मुर्राह नस्ल की भैंसों की सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी धनखड़ ने सैक्टर 3 स्थित हरियाणा निवास में एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए दी। श्री धनखड़ ने कहा कि जिस प्रकार से मनुष्य की पीजी, होस्टल होते हैं, उसी प्रकार पशुओं की पीजी होगी, जिसमें सम्पन्न व्यक्ति जो अपने घर पर गाय, भैंस नहीं पाल सकते हैं, वे वहां पर 50-100 गायों को पालने वाला ग्वाला अब उनकी गायों व भैंसों को पाल सकेगा।
वे अपनी इच्छानुसार अपने पशु का दूध भी ले सकते हैं। फ्लैट में रहने वाले व्यक्ति वहां पीजी में अपनी गाय व भैंसों को पाल सकते हैं। इसके अतिरिक्त वे अपनी धार्मिक भावनाओं के अनुसार पीजी में जाकर अपनी गाय का पूजन करना हो तो, वह भी कर सकेंगे। इस तीन दिवसीय पशु मेले का उदघाटन हरियाणा के राज्यपाल प्रो0 कप्तान सिंह सोलंकी करेंगे, जबकि समापन समारोह में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल मुख्य अतिथि होंगे। इसके अलावा 28 अक्तूबर को केन्द्रीय कृषि मंत्री भी उपस्थित होंगे। आज डेरी क्षेत्र को सेवा क्षेत्र की ओर ले जाने की आवश्यकता है। इस कड़ी में हिसार में उत्कृष्ठता केन्द्र खोलने के लिए इजराइल के साथ समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गये हैं।
उन्होंने बताया कि डेरी प्रबन्धन, दुधारू पशुओं की गतिविधियों की मोनिटरिंग के लिए इलैकट्रोनिक्स तकनीक, पशुओं के अनुकूल वातावरण व पौष्टिक चारा इत्यादि इन चार बिंदुओं पर फोक्स कर हम डेरी क्षेत्र को सेवा में परिवर्तित कर सकते हैं। श्री धनखड़ ने बताया कि दूध के क्षेत्र में हरियाणा को देश का अग्रणी राज्य बनाना है। वर्तमान में हरियाणा में लगभग 36 लाख दुधारू पशुधन है। उन्होंने बताया कि औसतन हरियाणा में 6.8 लीटर प्रति पशु दूध उत्पादकता है, जिसे 2022 तक 10 लीटर प्रति पशु तक ले जाना है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी की वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुणी करने के लक्ष्य को भी पूरा करेगा। उन्होंने बताया कि मेले में कम से कम 10 लीटर दूध देने वाली गाय व 18 लीटर दूध देने वाली भैंसों की ही प्रविष्टियां ली जाएंगी।
इस मेले में लगभग 2500 पशुओं के आने की सम्भावना है तथा तीन दिन तक 5000 व्यक्ति इस मेले में एक साथ रहेंगे, जो पशु विशेषज्ञों के साथ विभिन्न सत्रों में आयोजित चर्चाओं में भाग लेंगे। इसके अलावा, प्रतिदिन लगभग 15,000 पशुपालकों को मेला देखने के लिए आमंत्रित किया जाएगा, जिसके लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। विभिन्न प्रकार की दूध प्रतियोगिताओं के लिए 9 करोड़ रुपये के ईनाम हर वर्ष दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार प्रदेश को दुग्ध क्रांति की ओर ले जा रही है और 50 दुधारू पशुओं तक की डेरी खोलने पर सात साल तक जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवा रही है।
इसके अलावा, 5 देसी गायों की डेरी पर 50 प्रतिशत की सबसिडी उपलब्ध करवाई जाएगी। एक प्रश्न के उत्तर में श्री धनखड़ ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से हरियाणा दिल्ली के निकट है और इसके पांच करोड़ की जनसंख्या की एक बड़ी मार्केट का फायदा हरियाणा का किसान उठा सकता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के विद्यार्थियों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सोनीपत में इस ग्रुप ने न्यूजीलैंड की टैक्नोलोजी अपनाकर दिल्ली में दूध की आपूर्ति करने की शुरूआत की है।इस अवसर पर पशुपालन एवं डेरी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी के महापात्रा, महानिदेशक डा0 जी एस जाखड़ के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। श्री धनखड़ ने कहा कि नवम्बर माह के प्रथम सप्ताह में आरम्भ हो रहे गन्ने के पिराई सीजन से पहले हरियाणा सरकार गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर देगी। उन्होंने बताया कि गन्ना नियंत्रण बोर्ड की बैठक हो चुकी है और इसमें उन्हें गन्ने के समर्थन मूल्य की घोषणा करने के लिए अधिकृत किया गया है। लोकतंत्र में सरकार एक टीमवर्क के रूप में कार्य करती है और शीघ्र ही इसकी घोषणा कर दी जाएगी।
(आहूजा)