गुरुग्राम-सोहना: रेयान इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा दूसरी के छात्र प्रद्युम्न हत्या प्रकरण की सुनवाई सोमवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी यादव की अदालत में हुई। अदालत ने जहां पुलिस द्वारा बनाए गए आरोपी स्कूल के बस कंडक्टर अशोक की जमानत याचिका पर दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनी वहीं सीबीआई द्वारा मामले की सुनवाई के लिए न्यायिक क्षेत्र से संबंधित दस्तावेज भी अदालत में पेश किए। सीबीआई का कहना है कि उसका न्यायायिक क्षेत्र पंचकूला पड़ता है। पंचकूला में ही सीबीआई अदालत है। इसलिए इस मामले की सुनवाई भी पंचकूला में ही होनी चाहिए। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत आज मंगलवार को अशोक की जमानत और सीबीआई के न्यायायिक क्षेत्र पर अपना फैसला सुनाएगी। जहां सीबीआई न्यायायिक क्षेत्र के बारे में पंचकूला में सुनवाई करने की बात कह रही है वहीं अन्य पक्ष इसका विरोध कर रहे हैं।
प्रघुम्न के पिता के अधिवक्ता एवं अशोक के वकील भी सीबीआई की इस मांग का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि मामला पॉस्को एक्ट के तहत दर्ज किया गया है जो गुडग़ांव से न्यायायिक क्षेत्र से संबंधित है। घटना गुडग़ांव में ही घटित हुई थी। इसलिए इस मामले की सुनवाई गुडग़ांव अदालत में ही होनी चाहिए। हालांकि, सीबीआई ने अदालत में न्याययिक क्षेत्र की मांग को मजबूती से उठाते हुए नोटीफिकेशन की प्रति भी अदालत को दी है। सोमवार की प्रात: से ही अदालत परिसर में लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। प्रघुम्न के परिजन, आरोपी अशोक के परिजन तथा इनके अधिवक्ता अदालत नंबर 6 के समक्ष एकत्रित होना शुरू हो गए थे।
प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया कर्मी भी ओवी वैन के साथ अदालत परिसर पहुंच गए थे। ताकि, अदालत के फैसले को परिसर से ही लाईव कर सकें। एक बजे तक अदालत में बहस चलती रही। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मंगलवार तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अशोक के परिजनों को पूरी उम्मीद थी कि अशोक को जमानत मिल जाएगी और वह अपने घर आ जाएगा। लेकिन, उनकी उम्मीद पूरी नहीं हो सकी। उधर सीबीआई भी अशोक को वर्तमान स्थिति में कोई राहत देती दिखाई नहीं दे रही है। सीबीआई पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि अशोक को इस स्टेज पर कोई राहत नहीं दी जा सकती। इस मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती अशोक को इस मामले से बाहर नहीं निकाला जा सकता। उधर, जिला प्रशासन ने भी अदालत परिसर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी व कमांडो तैनात किए थे।
– अरोड़ा, उमेश