अंबाला: भारतीय वायुसेना ने राफेल युद्धक विमानों की पहली स्क्वाड्रन की तैनाती के लिए अपने अग्रिम पंक्ति के बड़े अड्डों को उन्नत बनाने का काम आरंभ कर दिया है। वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने राफेल विमानों के लिए 78 साल पुराने अड्डे पर 14 शेल्टर, हैंगर और रखरखाव की सुविधाएं स्थापित करने के लिए पहले ही 220 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की है। राफेल विमानों की आपूर्ति सितंबर, 2019 से आरंभ होगी।
अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया, हम राफेल विमानों के लिए अगले 40-50 वषो’ तक की बुनियादी ढांचे की जरूरत को ध्यान में रखते हुए ढांचा तैयार कर रहे हैं। अंबाला स्थित यह वायुसैना अड्डा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान पर स्थित अड्डों में से
एक है। यह भारत-पाक सीमा पर करीब 220 किलोमीटर दूर है। फिलहाल इस अड्डे पर जगुआर विमानों की दो स्क्वाड्रन हैं और मिग-21 बिसन विमानों की एक स्क्वाड्रन है। वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह स्वतंत्र भारत में अंबाला अड्डे के पहले कमांडर थे। हाल ही में उनका निधन हुआ। भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में हासिमारा अड्डे पर भी बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाने का काम चल रहा है। यहां राफेल विमानों की दूसरी स्क्वाड्रन होगी। अधिकारी ने कहा, हम अगले साल के आखिर तक राफेल विमानों के लिए सभी बुनियादी ढांचे तैयार कर रहे हैं।