जींद : भारजीय जनता पार्टी(भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह की कल यानि 15 फरवरी को यहां होने वाली‘युवा हुंकार रैली’के माध्यम से मिशन 2019 का शंखनाद करेंगे। श्री शाह की इस रैली में भाग लेने वालों के लगभग एक लाख मोटरसाईकलों पर सवार होकर पहुंचने के दृष्टिगत यह एक अनूठी रैली होगी। राज्य सरकार से लेकर प्रदेश पार्टी के पदाधिकारी श्री शाह की इस रैली को कामयाब बनाने के लिये गत कई दिनों से दिन-रात किये हुये हैं। रैली में राज्य के युवाओं से मोटरसाइकलों पर आने को कहा गया है। रैली में प्रत्येक जिले से निश्चित संख्या में मोटरसाइकल लाने का पार्टी नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है हालांकि इस लक्ष्य को हासिल करने में उनके पसीने भी छूट रहे हैं। रैली में लगभग एक लाख मोटरसाइकलों के पहुंचने की सम्भावना है।
पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह रैली अपने आप में ऐतिहासिक होगी तथा इसमें आने वाले मोटरसाईकलों की संख्या के लिहाज से यह रिकार्ड भी कायम करेगी। पार्टी ने रैली के लिए लगभग 18 एकड़ क्षेत्र में पंडाल लगाया है। इस पंडाल में तीन बड़ स्टेज बनाई गई हैं। डी-एरिया को छोड़ कर सामने दो गैलरी के अलावा एक प्रेस गैलरी भी बनाई गई है। आयोजकों ने समूचे रैली स्थल को 28 सैक्टरों में बांटा है। एक सैक्टर में लगभग 1200 कुर्सियां लगाई गई हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि रैली स्थल पर बैठने की क्षमता 30 हजार के आसपास रहेगी जबकि पार्टी इसमें दो लाख युवाओं के आने का दावा कर रही है।
रैली में आने वाले मोटरसाईकलों और अन्य वाहनों के लिये निर्जन और पिंडारा गांवों करीब 36 एकड़ क्षेत्र में पार्किंग बनाई गई है। इसे भी अनेक सैक्टरों में विभाजित किया गया है ताकि व्यवस्था और अनुशासन बना रहे। राजनीति। शाह-रैली दो अंतिम जींद पार्टी जहां रैली को लेकर उत्साहित है वहीं कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो) सरीखे विपक्षी दलों ने एलवाईएल नहर निर्माण को लेकर केंद, सरकार पर कथित तौर पर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुये श्री शाह को काले झंडे दिखाने तथा आसमान में काले गुब्बारे छोड़ कर विरोध दर्ज कराने का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विपक्ष के इस ऐलान को घटिया और शर्मनाक कृत्य करार देते हुये कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर किसी को रैली करने का अधिकार है। हालांकि अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने भी जाट समाज की मांगों को भाजपा अध्यक्ष की रैली के समानांतर रैली करने और श्री शाह की स्टेज पर कब्जा करने का ऐलान कर राज्य सरकार और पार्टी की चिंताएं बढ़ दी थीं लेकिन दोनों पक्षों के बीच दिल्ली में हुई बैठक में समझौता हो जाने से रैली पर मंडराया संकट टल गया। भाजपा के लिये चिंता की बात अब यह है कि अब श्री मलिक विरोधियों ने श्री शाह का विरोध करने का ऐलान कर दिया है।
मलिक विरोधी गुट और खाप नेताओं के अध्यक्ष मंडल ने श्री मलिक पर राज्य सरकार से सांठगांठ कर जाट आंदोलन को कमजोर करने का आरोप लगाते हुये अपने घरों और दुकानों पर काले झंडे लगाने, काली पगड़यिं पहनने तथा रैली में जाने वालों को काले झंडे दिखाने का फैसला लिया है। हालांकि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि रैली बिना किसी व्यवधान के आयोजित की जाएगी। इस बीच समूचे रैली स्थल को छावनी में तब्दील कर दिया है। यहां केंद्रीय सुरक्षा बलों के अलावा राज्य पुलिस के बड़ संख्या में जवानों की तैनाती तथा कर चाक चौबंद सुरक्षा इंतत्राम किये गये हैं। रैली स्थल में हर किसी को सघन जांच के बाद ही प्रवेश मिल सकेगा। श्री खट्टर ने आज स्वयं रैली स्थल पर पहुंच कर रैली सम्बंधी तैयारियों का जायजा लिया। वह रैली स्थल के नत्रदीक की बनाये गये हैलीपैड से मोटरसाइकल चला कर रैली स्थल पर पहुंचे। उन्होंने रैली के लिये तैयार किये गये मंच, बैठने तथा सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया तथा अधिकारियों से इस सम्बंध में चर्चा की।
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