चंडीगढ़ : विपक्षी राजनैतिक दलों के विरोध के ऐलान के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का हरियाणा दौरान सरकार व संगठन के लिए जहां अहम हो गया है वहीं इस रैली के दौरान कानून-व्यवस्था को नियंत्रित रखने हरियाणा पुलिस की प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। पुलिस सुरक्षा में जरा सी चूक बड़े विवाद का कारण बन सकती है। इसीलिए डीजीपी बीएस संधू खुद नियमित रूप से सुरक्षा का रिव्यू करते हुए अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं।
रैली स्थल पर सुरक्षा की जिम्मेदारी हरियाणा पुलिस की है। जबकि अद्र्ध सैनिक बाहरी सुरक्षा को संभालते हुए कवच के रूप में काम करेंगे। सूत्रों से मिली रिपोर्ट के अनुसार सोमवार तक अद्र्ध सैनिक बलों की दस कंपनियां जींद पहुंच चुकी हैं और 15 फरवरी तक अद्र्ध सैनिक बलों की 37 कंपनियां जींद में होंगी। पैरा मिल्ट्री के नियमानुसार एक कंपनी में 135 जवान होते हैं। जिनमें से 100 जवानों को एक समय में डयूटी पर तैनात करते हुए 30 जवानों को आरक्षित रखा जाता है। इनमें सहायक, अरदली, लांगरी एवं सहयोगी आदि भी शामिल होते हैं। इस आंकड़े को अगर आधार बनाया जाए तो रैली वाले दिन पैरा मिल्ट्री के 3700 जवान जींद में चप्पे-चप्पे पर तैनात होंगे। इसके अलावा डीजीपी बीएस संधू तथा सीआईडी चीफ ने जींद का दौरा करके आठ वरिष्ठ आईपीएस (एसएसपी) स्तर के अधिकारियों को रैली स्थल पर बनने वाले तीन मंच की सुरक्षा का प्रभारी तैनात किया।
इसके अलावा यहां तीनों मंच पर चारों दिशाओं तथा डी व पंडाल के भीतर 55 डीएसपी स्तर के अधिकारियों को थोड़ा-थोड़ा हिस्सा अलाट करके प्रभारी नियुक्त किया गया है। प्रदेश के विभिन्न जिलों से बुलाए गए 200 इंस्पैक्टर, सब इंस्पैक्टर रैंक के अधिकारियों पंडाल के बाहरी हिस्सों में तैनात किया गया है। इसके अलावा 5500 से अधिक एएसआई, कांस्टेबल व सिपाही स्तर के कर्मचारी समूचे रैली क्षेत्र में तैनात रहेंगे। इसके अलावा जींद शहर में हर तरफ करीब एक हजार ट्रैफिक पुलिस के जवान तैनात किए जाएंगे। रैली में शामिल होने वाली भाजपा महिला कार्यकर्ताओं की संख्या कम रहेगी। जिसके चलते ढाई सौ महिला कांस्टेबल एवं महिला सिपाही रैली स्थल पर महिला ब्लाक में तैनात रहेंगी। मुख्य मंच पर एक महिला आईपीएस तथा जरूरत के अनुसार महिला डीएसपी को वीआईपी मंच पर तैनात किया जाएगा।
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(राजेश, आहूजा)