चंडीगढ़ : हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने राज्य विधानसभा में बजट 2018-19 पेश करते हुए वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि मेरा मानना है कि राज्य का आर्थिक विकास तब तक मायने नहीं रखता जब तक कि उसके लाभ स्पष्ट रूप से कृषि क्षेत्र को न मिले। हरियाणा सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दुगुनी करने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के लिए कृषि को लाभकारी बनाने, कृषि उत्पादकता बढ़ाने, किसान परिवारों और भूमिहीन श्रमिकों के शारीरिक, वित्तीय और मनोवैज्ञानिक दवाब को कम करने के लिए अनेक कदम उठाएं हैं। उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध राज्य सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दुगुनी करने के निर्धारित लक्ष्य को पाने और उनकी बेहतरी के लिए सात कार्य बिंदुओं पर केन्द्र सरकार के साथ मिलकर कार्य कर रही है।
हमारे किसानों के कठोर परिश्रम और सरकार के हस्तक्षेपों के फलस्वरूप, खाद्यान्नों का उत्पादन वर्ष 2014-15 में 153 लाख मीट्रिक टन से 17 प्रतिशत से भी अधिक बढकऱ वर्ष 2016-17 में 180 लाख मीट्रिक टन हो गया। वर्ष 2017-18 के लिए खाद्यान्नों के उत्पादन का लक्ष्य 174 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है। हरियाणा खाद्यान्नों के उत्पादन और खरीद में एक अधिशेष राज्य रहा है। रबी विपणन सीजन 2017-18 के दौरान, केन्द्रीय पूल के लिए 1625 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 74.25 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई।
खरीफ विपणन सीजन 2017-18 के दौरान, सामान्य और ग्रेड-ए (लेवीएबल) किस्मों के 59.17 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद क्रमश: 1550 रुपये और 1590 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई। गेहूं और धान की यह खरीद अब तक की सर्वाधिक खरीद है। रबी विपणन सीजन 2018-19 के लिए, राज्य में खरीद एजेंसियों ने 1735 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लगभग 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद के प्रबन्ध किए हैं।
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(राजेश जैन, आहूजा)