रोहतक : महिला आयोग की चेयरमैन प्रतिभा सुमन ने कहा कि अब अगर कॉलेजों में रैंगिंग हुई तो उसके लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होगा। साथ ही उन्होंने रैंगिग रोकने के लिए प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को पत्र भी जारी किया है। महिला आयोग ने कहा कि कई बार सामने आया है कि रैगिंग के मामलों में सही प्रकार से जांच नहीं की जाती और पीडित व पीडिता को न्याय नहीं मिल पाता। आयोग ने इस संबंध में सभी विश्वविद्यालयों में एंटी रैगिंग समिति भी गठित करने को कहा है। आयोग का मानना है कि खास तौर पर एडिड कॉलजों में इस तरह के मामले अधिक सामने आते है, जिसको देखते हुए महिला आयोग ने यह कदम उठाया है। महिला आयोग की अध्यक्ष प्रतिभा सुमन का कहना है कि इस तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अगर रैगिंग का मामला सामने आया तो गठित समिति की जवाब तलबी होगी। रैगिंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कारवाई की जाएगी।
प्रदेश के विश्वविद्यालयों में रैगिंग को रोकने के लिए पहली बार महिला आयोग सामने आया है। बुधवार को महिला आयोग की अध्यक्ष प्रतिभा सुमन ने इस बारे में आयोग की सदस्यों की बैठक बुलाई और प्रदेश के सभी कॉलेजों में एंटी रैगिंग समिति गठित करवाने के लिए विचार विर्मश किया गया। इस दौरान यह बात सामने आई कि कई बार कॉलेज में छात्राओं के साथ रैगिंग होती है, लेकिन विश्वविद्यालय की तरफ से कोई कारवाई नहीं होती और पीडि़ता को न्याय नहीं मिल पाता है। आयोग की अध्यक्षा प्रतिभा सुमन ने बताया कि सभी पुलिस कप्तानों को भी इस बारे में पत्र लिखा जाएगा कि रैगिंग के मामलों में तुरंत कारवाई करें।
प्रत्येक कॉलेज के सूचना पट या अन्य स्थानों पर रैगिंग कमेटी के बारे में उनके नाम व फोन नंबर तक आंकित किये जाए और पहचान छुपाकर भी रैगिंग के बारे में शिकायत की जा सकती है। उसपर भी तुरंत कारवाई की जाएगी। आयोग ने महिला संबंधी सुरक्षा के लिए कई कदम उठाएं है, हाल ही में महिला आयोग ने सरकार को पत्र लिखकर सभी सरकारी कार्यालयों में महिला के साथ होने वाले यौन शोषण रोकने के लिए अलग से समिति बनाने के लिए कहा गया था। इसके अलावा आयोग ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।
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(मनमोहन कथूरिया)