अयोध्या दौरे पर पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर मुद्दा मामले को बातचीत से सुलझाना चाहिए। दोनों पक्षों को उच्चतम न्यायालय की सलाह माननी चाहिए। उच्चतम न्यायालय के निर्देश के मुताबिक दोनों पक्ष अगर पहल करें और बातचीत के जरिए इसका हल निकलेगा। अगर दोनों पक्ष पहल करते हैं तो सरकार भी इसमें पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने ये भी कहा कि सकात्मक राजनीति से ही राम मंदिर मुद्दे का हल निकल सकता है।
आपको बता दें कि वे यहां दिवंगत महंत राम चन्द्र परमहंस की 14वीं पुण्यतिथि पर अयोध्या आए हैं। सबसे पहले उन्होंने सरयू तट पर उनकी समाधि पर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी उसके बाद जनसभा को संबोधित किया। परमहंस की समाधि स्थल को खाली कराया गया, वहां किसी भी संतों को आने की अनुमति नहीं दी गई। समाधि स्थल पर साधू संत सीएम योगी का स्वागत नहीं कर पाए। प्रशासन की इस कार्यवाही से संत समाज नाराज़ नजर आ रहा है। राम जन्मभूमि न्यास सदस्त महंत राम विलास वेदांती को भी हटाया। राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास को भी हटाया। इससे पहले उन्होंने कारगिल दिवस पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाईक भी मौजूद रहे।
योगी का पूरा कार्यक्रम : अयोध्या में तीन घंटे के दौरान योगी सरयू नदी के किनारे चौधरी चरण सिंह घाट पर परमहंस की समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद दिगम्बर अखाडा में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में भाग लेंगे। मुख्यमंत्री दिगम्बर अखाड़ा में एक सभा को भी संबोधित करेंगे। इसके बाद दिगम्बर अखाडा में आयोजित भोज कार्यक्रम में शामिल होकर वापस लखनऊ आएंगे।
आपको बता दें कि सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिन-जिन मार्गों से अयोध्या में गुजरेंगे उन मार्गों को या तो बनाया जा रहा है या फिर गड्ढा मुक्त किया जा रहा है। इसी के साथ उनके विश्राम करने वाली जगह दिगंबर अखाड़े में जहां वे भोजन और विश्राम करेंगे वहां भी व्यवस्था को चाक-चौबंद किया जा रहा है।