लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

किसानों की आमदनी बढाना और दुसरा हर हिन्दुस्तानी की थाल में बिहार का एक व्यंजन पहुंचाना:नीतीश कुमार

NULL

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में आज जैविक सब्जी उत्पादन के लिए भारत में पहली बार कृषि इनपुट अग्रिम अनुदान वितरण समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत उदघाटन किया। आयोजित समारोह में कृषि उत्पादन आयुक्त सुनील कुमार सिंह ने पुष्प-गुच्छ भेंटकर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार सिंह ने जैविक सब्जी उत्पादन के लिए कृषि इनपुट अग्रिम अनुदान से संबंधित प्रेजेंटेशन मुख्यमंत्री के समक्ष दिया। मुख्यमंत्री ने बटन दबाकर अग्रिम अनुदान संबंधी सॉफ्टवेयर की शुरुआत की, इसके साथ ही बिहार के चार जिले के किसानों को पहली बार कृषि इनपुट अग्रिम अनुदान की राशि राज्य सरकार के माध्यम से सीधे उनके खाते में भेजी गयी।

211

सॉफ्टवेयर शुरू होने के बाद इसका लाइव डेमोनेस्ट्रेशन भी मुख्यमंत्री के समक्ष किया गया। अग्रिम अनुदान योजना से रजिस्टर्ड जो किसान थे, उन्होंने अपना मोबाइल फोन का ओटीपी मुख्यमंत्री को दिखाया, जिसमें अग्रिम अनुदान योजना की राशि 6,000 रुपये खाते में भुगतान होने से संबंधित सूचना थी। उल्लेखनीय है कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर देश में पहली बार बिहार के चार जिले समस्तीपुर, नालंदा, पटना और वैशाली के 20,173 किसानों को जैविक सब्जी उत्पादन के लिए कृषि इनपुट अग्रिम अनुदान के जरिये उनके खाते में 6,000 रुपये राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया गया है। शुरूआती दौर में कृषि इनपुट अनुदान का लाभ बिहार के चार जिलों के नदी के दोनों किनारे के किसानों को अधिकतम 30 डिसमिल भूमि के लिए 6000 रुपये मुहैया कराया गया है।

208

गया की शेरघाटी में बिहार राज्य बीज निगम की 16 करोड़ 97 लाख रूपये की लागत से नवनिर्मित भवनों का उद्घाटन एवं 61 करोड़ 2 लाख रूपये की परियोजनाओं का शिलान्यास मुख्यमंत्री ने शिलापट्ट का अनावरण कर किया। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अति विशिष्ट कार्यक्रम में आये लोगों का हृदय से अभिनंदन करते हुए कृषि विभाग को बधाई देता हूँ। उन्होंने कहा कि तीसरे कृषि रोड मैप की योजना के अनुरूप बहुत तेजी से काम प्रारम्भ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कृषि के विकास के लिए हमारी धारणा रही है, जिसको देखते हुए हमने वर्ष 2008-12 में बिहार में पहला कृषि रोड मैप बनाया। 2005 से जब हमने बिहार की बागडोर संभाली, तभी से निरंतर हर क्षेत्र में विकास का काम हमने प्रारंभ किया।

209

केंद्र में कृषि मंत्री रहते हमने कृषि के लिए पॉलिसी भी बनाई। उन्होंने कहा कि हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, नीली क्रांति की बात तो सभी करते रहे हैं, हमने कृषि के विकास के लिए इन्द्रधनुषी क्रांति और सप्त क्रांति की बात कही और इस दिशा में काम भी शुरू किया। उन्होंने कहा कि बिहार की 89 प्रतिशत आबादी गॉवों में रहती है और 76 प्रतिशत लोग आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं इसलिए कृषि का विकास आवश्यक है, जिसको देखते हुए हमने पहला कृषि रोड मैप बनाया। उन्होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में एक बैठक रखी गयी, जिसमें मौजूद एक विशेषज्ञ ने मेरी तरफ देखते हुए कहा कि बिहार में सबसे कम उत्पादकता है। मैंने उस बैठक में ही कहा था कि भले आज बिहार में उत्पादकता कम है लेकिन जल्द ही उत्पादकता बढ़ेगी। प्रथम कृषि रोड मैप के बाद बिहार में बीज प्रतिस्थापन बढ़ा, यांत्रिकीकरण, वर्मी कम्पोस्ट पर भी काम प्रारम्भ हुआ।

210

परिणाम यह हुआ कि धान के मामले में चीन के अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड तथा गेहूं के मामले में राष्ट्रीय रिकॉर्ड को बिहार ने तोड़ डाला। मक्का उत्पादन में भी बिहार काफी आगे बढ़ा, इसके बाद बिहार में वर्ष 2012-17 के लिए दूसरा कृषि रोड मैप बनाकर कृषि विभाग से संबंधित सभी 18 विभागों को इसमें समाहित किया गया, इसमें भूमि सुधार को भी शामिल किया गया क्योकि 100 साल पहले बिहार में भूमि सर्वे का काम हुआ था, जिससे यहाँ भूमि विवाद के मामले सर्वाधिक हैं।

दूसरे कृषि रोड मैप में भूमि का सर्वे-सेटलमेंट करने का निश्चय किया गया और इस काम को तेजी से सम्पन्न कराने के लिए एरियल सर्वे को चुना गया, जिसकी अनुमति लेने में तीन साल का समय लग गया। अब इस दिशा में काम शुरू हो गया है। सर्वे-सेटलमेंट का काम जब पूरा हो जाएगा तो किसानों का खेत एक जगह होगा और खेतों का आकार बढ़ेगा। दूसरे कृषि रोड मैप में सिंचाई के लिए अलग कृषि फीडर लगाने, दसवीं और प्लस टू क्लास में कृषि की पढ़ाई की व्यवस्था कराने का उल्लेख किया गया।

कृषि यांत्रिकीकरण पर भी जोर दिया गया ताकि पूर्ण यांत्रिकीकरण किया जा सके। उन्होंने कहा कि हमारे यहां पैदा होने वाली लीची और आम की तुलना कोई नहीं कर सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि सब्जी उत्पादन में बिहार तीसरे स्थान पर है और सब्जी के क्षेत्र में बिहार में काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा जल्द ही बिहार सब्जी उत्पादन के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंचेगा और हमारा लक्ष्य है सब्जी उत्पादन में बिहार पहले स्थान पर पहुंचे।

उन्होंने कहा कि जब दूसरा कृषि रोड मैप पर काम प्रारंभ हुआ तो जैविक खेती को बढ़ावा दिया गया और लोगों ने जैविक खेती करना शुरू किया। उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद की जगह जैविक खेती से फूलगोभी का आकार और कसाव दोनों बढ़ा हुआ पाया गया। जैविक खेती के माध्यम से पैदा हुए आलू को बिहार विधानसभा में जनप्रतिनिधियों के बीच वितरण करवाया गया और इस तरह जैविक खेती का प्रचार-प्रसार भी किया गया। उन्होंने कहा कि नॉबेल पुरस्कार विजेता जोसेफ स्टीगलेट्स नालंदा खंडहर का भ्रमण करने आये थे, तब उन्होंने जैविक तरीके से हो रहे सब्जी की खेती को देखा और किसानों से इस संबंध में जानकारी लेने के बाद यहां के किसानों की काफी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बिहार के किसान कृषि वैज्ञानिकों से भी ज्यादा समझदार हैं।

जोसेफ स्टीगलेट्स से मुलाकात के बाद मैं भी वहां जैविक तरीके से हो रही सब्जी की खेती देखने गया। उन्होंने कहा कि नालंदा के उस गांव में अब जो उत्पादन हो रहा है, उसे खरीदने मुंबई और कोलकाता के व्यापारी आ रहे हैं। सब्जी की खेती को बढ़ावा तभी मिलेगा, जब उसकी बिक्री और प्रसंस्करण के काम किये जायेंगे। इस दिशा में सहकारी समितियों के माध्यम से तीन स्तर पर यहां काम जारी है। इस तरह उत्पादित सब्जियों को बाजार और बची हुई सब्जियों के प्रसंस्करण की व्यवस्था हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा की अविरलता और निर्मलता कायम रखने के लिए हमने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर बिहार के चार जिलों में गंगा के दोनों किनारों को जैविक खेती से सब्जी उत्पादन के लिए चुना है। जैविक कॉरिडोर में कुल 9 जिले हैं, जिनमें से चार जिलों में काम प्रारम्भ किया गया है। उन्होंने कहा कि बहुत अध्ययन के बाद यह बात सामने आई है कि सबसे अच्छी मदद किसानों को लागत के समय ही सहायता मुहैया कराना है। इसी सीजन के लिए आज अधिकतम 30 डिसमिल जमीन वाले किसानों को प्रति किसान 6000 रूपये का अग्रिम अनुदान जैविक तरीके से सब्जी उत्पादन के लिए उपलब्ध कराया गया है।

अगले सीजन के लिए इसे जारी रखा जाएगा ताकि इससे किसान प्रभावित होकर जैविक खेती की ओर आकर्षित हो सकें। उन्होंने कहा कि अभी हमने जो प्रयोग किया है, उससे जो अनुभव प्राप्त होगा, उसके आधार पर अनुदान की राशि अगर बढ़ानी पड़ेगी तो बढ़ायी जाएगी और इसे पूरे बिहार में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम इस प्रयोग में कामयाब होते हैं तो यह सिर्फ सब्जी तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि इसे अन्य क्षेत्रों में भी लागू करेंगे।

उन्होंने कहा कि सिक्किम का जो इंस्टीच्यूशन है, उससे एमओयू करवा दिया गया है ताकि हमारे यहां जो जैविक खेती से सब्जी का उत्पादन होगा, उसका सर्टिफिकेशन हो जाय और बिक्री में सहुलियत हो सके। उन्होंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि जैविक खेती से उत्पादकता ज्यादा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में करीब साढ़े बारह करोड़ आबादी है और 8 करोड़ मोबाइल फोन हैं, जिसके माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान बहुत ही सहूलियत से लोगों तक किया जा सकता है।

इस तरह से गड़बड़ी करने वाले बिचौलियों पर रोक लगेगी क्योंकि कुछ लोगों का स्वभाव है गड़बड़ी करने का और हर काम में 100-200 रूपये लेने का। उन्होंने कहा कि कृषि रोड मैप का दो मकसद है। पहला किसानों की आमदनी बढ़ाना और दूसरा हर हिन्दुस्तानी की थाल में बिहार का एक व्यंजन पहुंचाना। यह हमारा सपना रहा है और इस सपने को हर हाल में साकार करना है। उन्होंने कहा कि खेत मालिक से लेकर वे सभी किसान हैं, जो खेत में काम करते हैं, भले ही वे कृषक मजदूर ही क्यों न हों। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग की अच्छी उपलब्धियां हैं लेकिन अभी भी बड़ा लक्ष्य प्राप्त करना है।

हमारी जो भी योजना बनती है, वह सभी को फायदा पहुंचाने को ध्यान में रखकर बनती है। उन्होंने कहा कि हमलोगों का विचार और नीति है कृषि रोड मैप को क्रिन्यावित करने के लिए सभी विभागों के बीच समन्वय स्थापित करना ताकि बिहार के किसानों की आय बढ़ सके। उन्होंने कहा कि बिहार के हर टोले तक बिजली पहुंचा दी गयी है और इस साल के अंत तक हर घर तक बिजली पहुंचा दी जायेगी। कृषि फीडर के माध्यम से खेती के लिए किसानों को 8 घंटे बिजली की निर्बाध आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है और इस दिशा में काम तेजी से आगे बढ़ रहा है।

जब तक किसानों को यह सुविधा मुहैया नहीं हो जाती हर वर्ष सूखे की नौबत में किसानों को डीजल अनुदान उपलब्ध होता रहेगा। उन्होंने कहा कि मुझे आप सबके सहयोग से पूरी कामयाबी मिलेगी और बाकी किसान भी जैविक खेती की तरफ आकर्षित होंगे। कृषि विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान सलाहकार, समन्वयकों के माध्यम से लोगों को आज शुरू हुए एप्प के इस्तेमाल की जानकारी की व्यवस्था सुनिश्चित करें ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि आज इस वितरण समारोह के माध्यम से शिलान्यास और उद्घाटन हुआ है, मैं इसके लिए कृषि विभाग को बधाई देता हूँ।

उन्होंने कहा कि मेरा नजरिया दो चीजों पर हमेशा रहता है एक तो हम अपने इतिहास को जाने और समझें, दूसरा पर्यावरण के प्रति हमेशा सचेत और संवेदनशील रहें। उन्होंने कहा कि प्रकृति से हमें जो चीजें मिली हैं, उसे नई पीढ़ी को उसी रूप में सौंप सकें और इतिहास के उस गौरव को दोबारा प्राप्त कर सकें। इस अवसर पर इंडसइंड बैंक के कंट्री हेड रवि हरजाई ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया। समारोह को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, कृषि विभाग के निदेशक हिमांशु कुमार राय, उद्यान विभाग के निदेशक अरविन्दर सिंह, बामेती के निदेशक गणेश कुमार सहित वरीय पदाधिकारीगण, अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में चार जिलों से आये किसान उपस्थित थे।

अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहाँ क्लिक  करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

9 − 2 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।