जापान के प्रधानमंत्री शिंजे आबे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साझा बयान जारी किया। भारत और जापान ने द्विपक्षीय मुलाकात में रक्षा, परिवहन समेत कई क्षेत्रों में 15 समझौतों/दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आने वाले समय में भारत में रहने वाले जापानी लोगों की संख्या बढ़ेगी। PM मोदी ने कहा कि पहले से ही दोनों देशों के बीच वीजा नियम बेहतर हैं। अब हमने जापान पोस्ट और इंडिया पोस्ट की मदद से दोनों तरह के फूड मंगवाने की सुविधा शुरू करने जा रहे हैं।
I urge Japanese business community to open maximum number of Japanese restaurant chains in India: PM Narendra Modi pic.twitter.com/pT98G2cWeK
— ANI (@ANI) September 14, 2017
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जापान के मेरे पिछले दौरे पर हमने न्यूक्लियर सप्लाई पर हस्ताक्षर किए। क्लीन एनर्जी और क्लाइमेट चेंज के लिए हमारा प्रयास बहुत ही महत्वपूर्ण है। जापान ने 2016-17 में 4.7 बिलियन डॉलर भारत में निवेश किया है। जोकि पिछले साल के मुकाबले 80 % ज्यादा है। जापान अब तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है और यह दोनों देशों के बीच विश्वास के स्तर को दिखाता है।
In 2016-17 Japan invested 4.7 billion dollars in India, which is 80% higher than last year: PM Modi pic.twitter.com/jUDANEiCxz
— ANI (@ANI) September 14, 2017
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान की फूड इंडस्ट्री से भारत में अपने रेस्टोरेंट खोलने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं चाहता हूं कि वे ज्यादा से ज्यादा जापानी रेस्तरा खोले।
India Post & Japan Post to start a ‘cool box service’ for Japanese living in India so that they can order their favorite food from Japan: PM pic.twitter.com/ZgxdWWPnec
— ANI (@ANI) September 14, 2017
जापान के प्रधानमंत्री शिंजे आबे ने साझा बयान में कहा कि महात्मा गांधी के जीवन को समझने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि बातचीत का दायरा सिर्फ द्धिपक्षीय स्तर तक सीमित नहीं रहा। इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत निर्माण के लिए बुलेट ट्रेन लाइफलाइन साबित होगी। जापान भारत में ज्यादा निवेश करने वाला तीसरा बड़ा देश है।
आपको बता दे कि जापान के प्रधानमंत्री शिंजे ने पाकिस्तान को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि भारत और जापान दोनों मिलकर आंतकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे । साझा बयान में आतंकी संगठनों अलकायदा, आईएसआईएस, जैश ए मोहम्मद और लश्कर तैयबा के खिलाफ साझा सहयोग को और मजबूत बनाने पर जोर देने की बात है। पाकिस्तान से मुंबई हमले और पठानकोट के गुनहगारों को सजा देने को कहा है।
#WATCH LIVE from Gandhinagar: PM Narendra Modi & Japanese PM Shinzo Abe issue joint press statements. https://t.co/gJ3BfQAc5l
— ANI (@ANI) September 14, 2017
आबे ने मालाबार त्रिपक्षीय नौसैनिक अभ्यास का हवाला देते हुए कहा है कि जापान-भारत-अमेरिका सहयोग को और मजबूत किया जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत-जापान ने 12वें वार्षिक सम्मेलन के दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संयुक्त आदानप्रदान कार्यक्रम सहित 15 समझौतों दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए।
संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भविष्य को देखते हुए मैं इस नये रेलवे दर्शन को नये भारत के निर्माण की जीवन रेखा मानता हूं । संपर्क की यह तेज गति भारत की प्रगति में योगदान देगी ।
मोदी ने कहा कि आपसी विश्वास और भरोसा, एक दूसरे की चिंताओं की समझ और उच्च स्तरीय सतत सम्पर्क…. ये भारत और जापान संबंधों की खासियत है । हमारी विशेष रणनीति और वैश्विक गठजोड़ केवल द्विपक्षीय स्तर तक सीमित नहीं है बल्कि वैश्विक मुद्दों पर भी हमारी समझ बहुत ही घनिष्ठ है ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष मेरी जापान यात्रा के दौरान परमाणु रूर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग पर सहयोग के लिये एक ज्ञापन तैयार हुआ था और इसके अनुमोदन के लिये मैं जापान की जनता, वहां की संसद और खासतौर पर अपने मित्र आबे का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं । उन्होंने कहा कि स्वच्छ रूर्जा और जलवायु परिवर्तन पर हमारे सहयोग में इस समझौते ने नया आयाम जोड़ा है ।
भारत और जापान में आज जिन 15 महत्वपूर्ण समझौतों और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये उनमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संयुक्त आदान प्रदान समझौता भी शामिल है । इसके तहत जापान के संगठन एआईएसटी और भारत के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के बीच संयुक्त शोध का अनुबंद हुआ है। इसके अलावा जैव प्रौद्योगिकी विभाग तथा राष्ट्रीय उन्नत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के बीच सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर किये गए हैं।
दोनों देशों ने अनुसंधान एवं शोध से जुड़ी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिये भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है । दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय अकादमिक और खेल क्षेत्र में आदान प्रदान के लिये भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया । इसके तहत एलएनआईपीई और निप्पन खेल विज्ञान विश्वविद्यालय के बीच सहयोग होगा । इस बारे में आशय पत्र भी किया गया ।