मोदी सरकार आने से देश में सुरक्षा के लिए एक से एक बड़े-बड़े कदम मोदी सरकार उठा रही है। अगर यह सारी चीजे पहले से ही हो गई होती तो आज भारत को कोई भी आंखे नहीं दिखाता । दुश्मन देशों से आगे निकलने के लिए सरकार ने अहम कदम उठाए हैं इन्ही सब चीजो को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने नए हथियारों की नयी खरीदारी भी शुरू कर दी है । एक देश तब और ज्यादा मजबूत होता है जब उस देश के पास मजबूत सेना हो।
एमआरएसएएम सिस्टम:
अब भारतीय सेना को हथियार मिलने जा रहा है जोकि दुश्मन देशों के विमानों और मिसाइलों को दूर कर सके और उनसे आगे भारतीय सेना निकालकर उन्हें नष्टï कर सके। भारत और इजरायल द्वारा हस्ताक्षर किए गए सौदे के साथ-साथ सतह से हवा मे वाली मिसाइल प्रणालियों के लिए 2 अरब डॉलर के सौदे हैं। इज़रायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज इजरायल फर्म द्वारा घोषित सौदा के हिस्से के रूप में उन्नत मध्यम दूरी की सतह से हवाई मिसाइल प्रणालियों के साथ भारतीय सेना को प्रदान करेगा।
M777 अल्ट्रा-लाइट हाइटिज़र्स:
भारत ने कुछ समय पहले ही अमेरिका के साथ रक्षा का समझौता किया था। इस समझौते में भारत को बीएई सिस्टम्स द्वारा निर्मित 145 अल्ट्रा-लाइट हाइटिज़र्स (एम 777) के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ $ 750 मिलियन का करार किया है। सेना की ऊंची ऊंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए हिप्पेटर्स खरीदे जा रहे हैं। 1980 के दशक के अंत में बोफोर्स घोटाले के बाद देश की तोपखाने का आधुनिकीकरण करने वाला पहला सौदा था। कुछ महीनो मे सेना को अपना पहला दो 155 मिमी 39-कैलिबर एम 777 मिलेगा।
राफेल लड़ाकू विमान:
भारत ने राफले लड़ाकू 36 विमान लेने के लिए फ्रांस के साथ 8.7 अरब डॉलर के साथ सौदा किया है। अब भारतीय वायुसेना की ताकत दुगुनी होने जा रही है। डैसॉल्ट एविएशन- नवीनतम हथियारों से लैस लड़ाकू विमानों का निर्माण – भारतीय वायु सेना को सितंबर 2019 और अप्रैल 2022 के बीच सौंप दिया जाएगा। यह सौदा आईएएफ के लिए महत्वपूर्ण है जो एक कम लड़ाकू बेड़े के साथ जूझ रहा है। भारत में 18 विमानों के साथ 33 लड़ाकू स्क्वॉड्रन हैं, लेकिन चीन और पाकिस्तान से संयुक्त खतरे से निपटने के लिए 45 स्क्वाड्रों की आवश्यकता है।
एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम):
रूस से, भारत ने गाइडेड मिसाइल, कई टी -90 टैंक इंजन को खरीदा है। रूस द्वारा निर्मित टी -90 भारतीय सेना का मुख्य आधार युद्ध टैंक है। रूस की सूची में बहु-बैरल रॉकेट लांचर भी शामिल हैं। आने वाले महीनों में 500 मिलियन डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं। भारत इजरायल फर्म के साथ 321 लांचरों और 8,356 आग और भूल जाने वाली मिसाइलों की खरीद पर बातचीत कर रहा है।
अटैक और भारी लिफ्ट हेलीकाप्टर:
22 बोइंग एएच -64 ई अपाचे लॉन्ग्बो हमले हेलीकॉप्टर और 15 चिनूक भारी लिफ्ट हेलिकॉप्टरों का आदेश दिया। डिलीवरी 2019 में शुरू होने की संभावना है। एमआई -26 भारी लिफ्ट हेलिकॉप्टर की पेशकश की थी। यह वर्तमान में एक एकान्त एमआई -6 हैलीकॉप्टर पर निर्भर करता है ताकि उच्च ऊंचाई पर पेलोड किया जा सके। भारतीय वायुसेना को भी नए हेलीकॉप्टर की तत्काल आवश्यकता है