कहा जाता है अगर पुलिस चुस्त रहे तो प्रशासन खुद ब खुद दुरुस्त रहता है। लेकिन भारत में माहौल ऐसा ही की लोग पुलिस पर ही विश्वास नहीं कर पाते। लेकिन ये कहना गलत होगा की पूरा पुलिस प्रशासन ही गैर जिम्मेदार है , कुछ कर्मठ पुलिस अफसर है जिनकी दिलेरी और इमानदारी की चर्चा पुरे देश में है। ऐसी ही मिसाल हैं IPS अफसर रूपा डी मुद्गिल जो हाल ही में शशिकला की जेल व्यवस्था के खिलाफ आवाज़ उठाने के कारण चर्चित हुई थी।
आपको बता दें की ऐसा पहली बार नहीं हुआ है की IPS डी रूपा सुर्ख़ियों में आई हो , अपनी इमानदारी और कार्यशैली के लिए पहले भी वो ख़बरों में रह चुकी है। हाल ही में उन्होंने तमिलनाडु के पुलिस मुखिया यानी DGP पर आरोप लगाया है। उन्होंने के सत्यनारायण राव पर ये आरोप लगाया कि वो उनके काम में बाधा डाल रहे हैं।
उन्होंने खुलासा किया कि वो बीती 10 जुलाई को उस जेल में गई थीं जहां शशिकला को रखा गया है। शशिकला के बैरक को देख वह हैरान रह गईं. शशिकला को बैरक से अटैच एक किचन दिया गया है, जिसमें उन्हें खास खाना दिया जाता है।
इसी तरह पहले भी IPS अफसर रूपा डी मुद्गिल ने पुलिस महकमे की जानकारी में चल रही कई अवैध गतिविधियां का पर्दाफाश किया है। जिसमे मुख्य रूप से कैदियों के ड्रग टेस्ट केस और क पेपर स्टैंप केस में दोषी पाए गए अब्दुल करीम तेलगी के बारे किये गए खुलासे है। हालांकि पुलिस महकमे पर आरोप लगाने के बदले उन्हें कई बार तबादले तो नोटिस झेलने पड़े है पर वो अपने काम में अडिग है।
सिस्टम से टकराने की अपनी पुरानी आदत को उन्होंने किसी भी दबाव में टूटने नहीं दिया। अपने बेबाक और तेजतर्रार तेवर के चलते ये IPS अफसर न कभी किसी राजनेता से डरी और न कभी इन्होने कभी अपने काम में रुकावट पैदा करने वालों को नजरंदाज किया।
जब मध्य प्रदेश में ये बतौर एसपी पोस्टेड थीं, तब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती को धार्मिक दंगों के चलते गिरफ्तार किया था और वहीँ जब बंगलुरु में बतौर डीसीपी पोस्टेड थीं, इन्होंने पुलिस वालों को VVIP लोगों की सेवा से हटा लिया था। इन लोगों में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी शामिल थे।