कर्नाटक में विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद कांग्रेस–जेडीएस गठबंधन सरकार बनाने की कोशिश में है तो बीजेपी भी कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए एक नयी रणनीति पर काम कर रही है। वही , कुमारस्वामी ने दावा किया है कि उन्होंने 116 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल को सौंपी है। कुमार स्वामी बोले कि राज्यपाल ने उन्हें भरोसा दिया है कि वह संविधान के मुताबिक ही फैसला लेंगे।
बता दे कि कांग्रेस-जेडीएस लगातार बहुमत का दावा कर रही है, वहीं बीजेपी कह रही है कि वह सबसे पार्टी है। सभी की नज़रें अब राजभवन पर टिकी हैं। कांग्रेस और जेडीएस के नेताओं ने राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात की। आपको बता दें कि कर्नाटक में 222 सीटों पर मतदान हुआ था, इस हिसाब से बहुमत के लिए 112 विधायकों का समर्थन ही चाहिए।
आपको बता दे कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी (104) बनकर उभरी है, पर बहुमत के आंकड़े से वह 8 सीटें दूर है। दूसरी तरफ बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस (78) और एचडी देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस + (38) ने हाथ मिला लिया है। कांग्रेस JD (S) के नेता कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री का पद देने पर भी राजी हो गई है। दोनों पक्षों ने गवर्नर से सरकार बनाने का न्योता देने का अनुरोध किया है। अब गवर्नर को फैसला लेना है कि वह किस पक्ष को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं। आइए समझते हैं कि बीजेपी, कांग्रेस व JD(S) के सामने क्या विकल्प बचे हुए हैं।
अगर गवर्नर बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं और बहुमत साबित करने के लिए कुछ समय देते हैं तो BJP की पूरी कोशिश होगी कि वह कांग्रेस और JD(S) के विधायकों को इस बात के लिए राजी करे कि वे अनुपस्थित रहें या उसके पक्ष में वोट करें (जिसके लिए स्पीकर उन्हें अयोग्य घोषित कर सकते हैं)। बीजेपी की टैली को बहुमत के आंकड़े में लाने के लिए विधायकों को इस्तीफा देने के लिए भी तैयार किया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, अगर राज्यपाल बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता देते हैं तो कांग्रेस तत्काल कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। यानि अगर आज न्योता मिलता है तो कांग्रेस आज ही सुप्रीम कोर्ट जाएगी। कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के पास विकल्पों में राज्यपाल के सामने विधायकों की परेड भी शामिल है।
कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे कुमारस्वामी ने आज कहा कि मुझे नहीं पता राज्यपाल क्या करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी को राज्यपाल की तरफ से मौका दिया जाता है तो हम इसपर कुछ नहीं कर सकते। मुझे किसी बात को लेकर डर नहीं है, मैं निश्चिन्त हूं। हम राज्यपाल से दोबारा मिलने जाएंगे।
कांग्रेस का कहना है कि गोवा, मेघालय और मणिपुर की तरह ही कर्नाटक में भी राज्यपाल वजुभाई वाला को फैसला लेना चाहिए। राज्यपाल कांग्रेस-जेडी (एस) गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करे।
बता दे कि कर्नाटक की स्थिति लगभग उत्तर प्रदेश की तरह है जहां सपा-बसपा ने बीजेपी की ताकत को कम कर आंका और अलग-अलग चुनाव लड़ा था। उसी प्रकार कर्नाटक में भी कांग्रेस और जेडीएस ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व को नजरअंदाज कर अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया और इसका नतीजा ये हुआ कि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
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