दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरेस्ट किए गए कार्ति चिदंबरम और उनके सीए भाष्करमन को तिहाड़ जेल में आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करने की सीबीआई की याचिका को स्वीकार कर लिया है। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने तो कार्ति की गिरफ्तारी को लेकर उन्हें 20 मार्च तक राहत दे दी है तो वहीं दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम की सीबीआई रिमांड को बढ़ा दिया है। अब उनकी सीबीआई रिमांड 12 मार्च तक कर दी गई है।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश सुनील राणा ने हिरासत की अवधि बढ़ाते हुए कहा कि कार्ति की जमानत याचिका पर 15 मार्च को सुनवाई होगी।. इससे पहले, सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम की हिरासत की अवधि पूरी होने पर शुक्रवार को उन्हें अदालत में पेश किया था। सीबीआई ने अदालत को बताया कि उनके खिलाफ नये ‘आपत्तिजनक सामग्री’ का पता चला है।
अदालत ने कार्ति के सीए एस भास्कररमण की न्यायिक हिरासत की अवधि 22 मार्च तक बढ़ा दी। इस मामले में भास्कररमण को प्रवर्तन निदेशालय( ईडी) ने गिरफ्तार किया था। अदालत ने सीबीआई को कार्ति का सामना सीए एस भास्कररमण से कराये जाने की अनुमति दी।
सीबीआई ने 28 फरवरी को चेन्नई हवाईअड्डे से कार्ति को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी के आरोप का प्रतिवाद करते हुये कार्ति ने अपनी जमानत याचिका में यह दावा किया कि उन्होंने कभी भी गवाहों को प्रभावित करने, साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ या न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने की कोशिश नहीं की।
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सालिसीटर जनरल तुशार मेहता ने कहा कि कार्ति से हिरासत में पूछताछ जरूरी है क्योंकि उनके खिलाफ” नई सामग्री मिली है।
उन्होंने कहा कि इस मामले के सिलसिले में चेन्नई में एडवांटेज स्ट्रेटेजीस प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय से एक सीडी बरामद हुई है जिसे जांच के लिए सीएफएसएल भेजे जाने की जरूरत है। हालांकि वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कार्ति को पूछताछ के लिए और हिरासत में भेजे जाने का विरोध किया।
बता दे कि इस मामले में भास्कररमण को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी के आरोप का प्रतिवाद करते हुए कार्ति ने अपनी जमानत याचिका में यह दावा किया कि उन्होंने कभी भी गवाहों को प्रभावित करने, साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ या न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने की कोशिश नहीं की।
आपको बता दे कि सीबीआई ने 28 फरवरी को चेन्नई एयरपोर्ट से कार्ति को गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह सीबीआई रिमांड पर हैं। यह मामला 2007 में पी. चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान आईएनएक्स मीडिया के 305 करोड़ रुपये विदेशी फंड हासिल करने से जुड़ा है। आपको बता दें कि सीबीआई ने मामले की तह तक जाने के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में आवेदन दायर कर कार्ति का नार्को टेस्ट कराने की अनुमति मांगी है।
इससे पहले मंगलवार को सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया और पूछताछ के लिए उनकी हिरासत नौ दिन और बढ़ाने का आग्रह किया। कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को तीन दिन के लिये पुलिस हिरासत में भेज दिया है। कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए सीबीआई ने कहा कि मामले में नए खुलासे हुए हैं और इन ‘नए तथ्यों’ से आमना-सामना करने के लिए हिरासत में उनसे पूछताछ जरूरी है।
कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने एयरसेल-मैक्सिस और आईएनएक्स मीडिया के लिए गलत तरीके से फॉरन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी प्राप्त की। दोनों मामले 2007 के हैं। उस वक्त पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे। आरोप है कि उन्होंने ही कार्ति का काम आसान बनाया था। इसी मामले में सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया, इसके डायरेक्टरों पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के साथ कार्ति चिदंबरम का नाम भी जोड़ा गया था।
24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे।