भारत में हमले कराने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई सिख युवकों को आतंकी ट्रेनिंग दे रही है। गृह मंत्रालय ने सोमवार को संसदीय पैनल को बताया कि ISI के ठिकानों पर इन युवाओं को ट्रेंड किया जा रहा है, ताकि वे भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सकें। यही नहीं, कनाडा और अन्य जगहों पर बसे हुए सिख युवाओं को भी भारत के खिलाफ भड़काया जा रहा है। केंद्रीय गृह सचिव के नेतृत्व में गृह मंत्री के टॉप ऑफिशियल्स ने कमेटी को कहा कि सोशल मीडिया और इंटरनेट से युवाओं को भड़काया जा रहा है, जिससे कट्टरवाद एक बड़ी चुनौती के रूप में उभर रहा है।
सरकार ने केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल और आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों का मूल्यांकन करने वाली टीम की एक रिपोर्ट को सोमवार को संसद में पेश किया गया था, जिसमें सिख आतंकवाद के मोर्चे पर कुछ घटनाओं की बात कही गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान आधारित आतंकी कमांडरों पर पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में हमला करने के लिए आईएसआई का दबाव बढ़ रहा है।
रिपोर्ट में जोर देते हुए कहा गया है कि पाकिस्तान में सिख समुदाय के युवाओं को आईएसआई तैयार कर रही है। रिपोर्ट ने खुलासा करते हुए कहा है पूछताछ पता चला है कि पाकिस्तान में सिख टेरर ग्रुप द्वारा जेलों में कैद, बेरोजगार युवा, अपराधियों और तस्करों को शामिल किया जा रहा है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत के खिलाफ नफरत फैलान के लिए यूएस, कनाडा और यूके में सिख युवाओं को पाकिस्तान गलत रास्तों पर भटकाने का काम कर रहा है। लेकिन, स्टेट और सेंट्रल एजेंसियां इन सभी गतिविधियों पर पूरी तरह से नजर रख रही है और जरूरत पड़ने पर उन पर कानून कार्रवाई भी की जा सकती है।
गृह मंत्रालय ने पैनल से कहा है कि पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठनों, विशेषकर लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और इंडियन मुजाहिदीन और स्टूडेंट ग्रुप से लेकर देश में किसी भी प्रकार के इस्लामिक मूवमेंट पर सरकार कड़ी नजर रख रही है।
केन्द्रीय गृह सचिव की अगुवाई में गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली कमेटी ऑन एस्टीमेट्स से बताया कि आतंकी समूहों की तरफ से युवाओं को कट्टर बनाने में इंटरनेट का गलत इस्तेमाल सोशल मीडिया सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।
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