जम्मू-कश्मीर में पिछले छह माह में सेना को आतंकवादियों के खिलाफ लगाम कसने में बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। घाटी में सेना ने 2017 में 92 आतंकियों को मार गिराया गया है। खबरों के मुताबिक, पिछले पांच सालों में सेना ने जम्मू में 599 आतंकियों को ढेर किया है। इस साल मारे गए आतंकियों की संख्या ने 2012 और 2013 के आंकड़ों को भी पीछे छोड़ दिया है, जब यूपीए सरकार का राज था।
2012 में घाटी में मारे गए आतंकियों की संख्या 72 और 2013 में 67 थी। मगर एनडीए सरकार के दौरान इन आंकड़ों में वृद्धि देखने को मिली है। 2014 में मारे गए आतंकियों की संख्या 110, 2015 में 108 और 2016 में 150 थी। जम्मू-कश्मीर में युवक आतंकियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही हैं।
पिछले चार सालों में 257 कश्मीरी युवक आतंकी संगठनों से जुड़े है और पिछले छह महीनों में 50 युवाओं ने हथियार उठा लिया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन नई भर्तियों में से अधिकांश दक्षिण कश्मीर में पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिलों के हैं जो तकनीक प्रेमी और युवा आतंकवादियों का केंद्र बन गया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि 2017 में घाटी में कुल 50 कश्मीरी युवक आतंकवाद से जुड़े है।
आतंकवाद में युवाओं की बढ़ती संख्या सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता की बात है जो कश्मीर में बिगड़ती हुई स्थिति को दर्शाती है। अधिकारी ने बताया कि 2016 में 88 कश्मीरी युवक आतंकवाद से जुड़ गए जो पिछले छह महीनों में सबसे अधिक है। 2014 से आतंकवाद में शामिल होने वाले लोगों की संख्या में लगातार वद्धि हुई है। सुरक्षा एजेंसियों के आंकड़ों में खुलासा हुआ है कि 2015 में कश्मीर में 66 युवक जबकि 2014 में 53 युवक आतंकवाद से जुड़े।