श्रीनगर : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस के एक दल ने केंद्र और जम्मू कश्मीर सरकार से अलगाववादियों के साथ बातचीत का रास्ता खुला रखने के लिए कहा है। घाटी में मौजूदा स्थिति पर कई बैठकों में शामिल होने के लिए पार्टी का प्रतिनिधिमंडल दो दिवसीय कश्मीर यात्रा पर है। श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव के दौरान राज्य में व्यापक पैमाने पर हिंसा के मद्देनजर अप्रैल में एआईसीसी के नीति और योजना समूह का गठन किया गया था। इस समूह के अन्य सदस्यों में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम और पार्टी की महासचिव अंबिका सोनी शामिल हैं। पार्टी के एक प्रवक्ता ने बताया कि यहां पहुंचने के तुरन्त बाद समूह ने हरी निवास पर जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की एक कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित की।
उन्होंने बताया कि समूह की विपक्षी पार्टियों समेत कश्मीर के विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के साथ बैठक प्रस्तावित है। प्रवक्ता ने बताया कि राजनीतिक पार्टियों के अलावा समूह नागरिक समाज संगठनों, शिया संघों, 2014 के बाढ़ पीड़ितों के प्रतिनिधिमंडल, केसर उत्पादकों, हाउस नौका एसोसिएशनों, व्यापार और पर्यटन प्रतिनिधिमंडलों जैसे कई अन्य प्रतिनिधिमंडलों से मिलेगा। समूह पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात करेगा। उन्होंने बताया कि अलगाववादी नेताओं के साथ बैठक समूह के एजेंडे का हिस्सा नहीं है। आजाद ने बैठक से इतर पत्रकारों से कहा कि केंद्र के साथ साथ राज्य सरकार को भी अलगाववादियों के साथ बातचीत का रास्ता खुला रखना चाहिए।
आजाद ने कहा केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार को यह तय करना है कि किन पक्षों से बातचीतकी जानी है। हर कोई जानता है कि पक्ष कौन है, लेकिन वे उनका नाम लेने में डर रहे हैऔर जब वे पक्षों के रूप में उनकी पहचान बताने से भयभीत है तो समाधान कैसे निकलेगा राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा उन (केंद्रऔर राज्य सरकारों) को उनसे (अलगाववादियोंसे) बात करनी चाहिए और मुद्दे का समाधान निकालने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों की भावनाओं को बढ़ाकर वर्ष 2014में लोकसभा का चुनाव जीता था लेकिन देश की बागडोर संभालने के बाद से वह चुप्पी साधेहुए है। उन्होंने कहा मोदी की चुनाव में 90 प्रतिशत जीत कश्मीर के कारण हुई थी। हमारे शासनकालमें पाकिस्तानी सैनिक (नियंत्रण रेखा पर) एक सैनिक का सिर काटकर ले गये थे लेकिन आपके(भाजपा के) शासन में इस तरह की घटनायें कई बार घटित हो चुकी है और प्रधानमंत्री चुप्पीसाधे हुए है।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने दक्षिण कश्मीर को आतंकवाद-मुक्तकिया था लेकिन राज्य में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार बनने के बाद से इस क्षेत्र में तनावबना हुआ है। उन्होंने दावा किया हमने वर्ष 2007 में मेरे कार्यकाल (मुख्यमंत्री के रूप में) के दौरानदक्षिण कश्मीर को आतंकवाद मुक्त किया था। लेकिन आज दक्षिण कश्मीर कहां है। यह उबल रहाहै। कश्मीर कोई नहीं आ रहा है, कोई पर्यटक नहीं आ रहा है। इन तीन वर्षो में संघर्षविराम की घटनायें संप्रग के 10 वर्षो के कार्यकाल की तुलना में कहीं अधिक है। उन्होंने घाटी में पथराव की कई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कई सैनिक शहीद हो गये,आम लोग घायल हो गये और लड़कियों समेत कई छोटे बच्चों ने अपनी आंखे गवां दी। यह सब हमारे समय के दौरान नहीं हुआ था।
संविधान के अनुच्छेद 35ए पर पार्टी के रूख के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ नेता ने कहाकि पार्टी अपना रूख जानती है लेकिन लोगों को सुनने के लिए समूह यहां मौजूद है।उन्होंने कहा सबसे पहले हम सभी लोगों को सुनेंगे। हम यहां केवल 35-ए के लिए नहींआये है। समिति का गठन 35-ए मुद्दे के आने से पहले ही हो गया था। भाजपा के शासनकाल मेंखराब हुई जम्मू कश्मीर की संपूर्ण स्थिति के मद्देनजर इस दल का गठन किया गया था।कांग्रेस कल अल्पसंख्यक समुदाय और फल उत्पादकों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात करनेके अलावा विधायकों और विधानपरिषद सदस्यों के साथ भी बैठक करेंगी। पार्टी ने दौरे का पहला चरण जम्मू में 10 और 11 सितम्बर को पूरा किया था।