कश्मीर : केंद्र के विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा के सुझाव पर अमल करते हुए कश्मीर घाटी में लोगों का दिल जीतने के प्रयास के तहत उन युवकों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिये जायेंगे जो पहली बार पथराव में शामिल हुए थे। महीने के शुरू में घाटी पहुंचे शर्मा के पास कई लोगों और समूहों की तरफ से पत्थरबाजी में शामिल युवकों के खिलाफ पुलिस में दर्ज मामलों के वापिस लेने के संबंध में कई आग्रह आए थे। उन्होंने कहा कि पिछले साल घाटी में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से फैली हिंसा के बाद से पत्थरबाजी के 11,500 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
अधिकारियों का कहना है कि इनमें से 4500 मामले ऐसे युवकों के खिलाफ हैं जो पहली बार पत्थरबाजी में शामिल हैं। इस बारे में शर्मा से संपर्क किए जाने पर उन्होंने टिप्पणी करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास राज्य की स्थिति को शांति में बदलना है और इसके लिए मुझे युवाओं और छात्रों का साथ चाहिए। इस कदम की प्रतिक्रिया देखने के बाद केंद्र सरकार राज्य में पीडीपी-भाजपा सरकार से विचार विमर्श के बाद पत्थरबाजी के बाकी मामलों पर भी समीक्षा करने को उत्सुक है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उन आतंकी संगठनों में शामिल उन स्थानीय लोगों के पुनर्वास पर भी विचार कर सकती है जो किसी घृणित अपराध में शामिल नहीं हैं।