जम्मू कश्मीर में अगले महीने प्रस्तावित पंचायत चुनाव होने वाले है वही , इस बीच राजनीतिक दलों ने सुरक्षा के बारे में चिंता प्रकट करते हुए कहा है कि फिलहाल माहौल ‘चिंताजनक’ है और चुनाव कराने के लिए ‘अनुकूल नहीं’ है।
राज्य सरकार ने हाल ही में घोषणा की थी कि पंचायत चुनाव 15 फरवरी से कराये जायेंगे तथा चुनाव की तैयारी शुरु हो गयी है। लेकिन आकांक्षी उम्मीदवारों और नेशनल कांफ्रेंस एवं कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दल इस घोषणा से चिंता में पड़ गये हैं तथा उन्होंने राज्य खासकर कश्मीर घाटी की कानून स्थिति का हवाला दिया है।
अलगाववादियों के चुनाव बहिष्कार के आह्वान तथा आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन की धमकी के बाद उसके सुचारु ढ़ंग से हो जाने को लेकर आशंका बलवती हो गयी है।
इसी महीने के प्रारंभ में हिज्बुल के दो आतंकवादियों की कथित बातचीत सोशल मीडिया पर छायी थी। इस बातचीत में हिज्बुल कमांडर रियाज नाइकू ने एक अन्य आतंकवादी समीर टाइगर से कहा था कि वे लोग चुनाव में उतरने वालों को धमकी या हत्या न करें बल्कि उनकी आंखों में तेजाब डाल दें।
ऑल जम्मू एंड कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व पंचायत सदस्य शफीक मीर ने कहा, ‘‘हमारी भूमिका चुनाव लड़ा है और हम उसके लिए तैयार हैं लेकिन सरकार को सुरक्षा स्थिति देखनी है। सरकार को यह सुनिश्चित करनी है कि वह लोगों के लिए सुरक्षित माहौल कैसे तैयार करेगी।’’ वर्ष 2011 के पिछले पंचायत चुनाव के बाद से राज्य में 16 पंचायत सदस्यों की हत्या कर दी गयी और 20 अन्य घायल हुए।
नेशनल कांफ्रेंस ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है ऐसे में चुनाव कराना एक और बड़ी भूल न हो जाए जिससे पर्यटन, उद्योग और राज्य की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़े। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी ए मीर ने कहा कि पंचायत चुनाव की घोषणा बस छवि चमकाने की कोशिश है क्योंकि राज्य में फिलहाल माहौल चुनाव लायक नहीं है।
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