श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के बारामूला में सुरक्षाबलों ने जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशन हेड खालिद को मार गिराया है। खालिद एक घर में छुपकर बैठा था, जहां सेना ने उसे ढेर कर दिया। खालिद के पैर में गोली लगी थी। सटीक जानकारी के बाद पुलिस ने खालिद को घेरा और गोलीबारी की। रिपोर्ट की मानें तो खालिद ने एक नाके पर पुलिस पार्टी पर फायरिंग की। जिसके बाद पुलिस गोलीबारी शुरू हुई. वह वहां से भागकर एक घर में जा छुपा था। खालिद पाकिस्तान का निवासी था. वह A++ कैटेगरी का आतंकी था।
#Baramulla terrorist attack: #Visual of Jaish-e-Mohammed Operational Head Khalid killed by security forces in Ladoora, Jammu and Kashmir pic.twitter.com/GKwNp1WSRA
— ANI (@ANI) October 9, 2017
इसके अलावा बारामूला में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। बारामूला के राफ़ियाबाद गांव के रिहायशी इलाके में लगातार गोलीबारी हो रही है। बताया जा रहा है कि विदेशी मुल्क के दो आतंकी वहां पर हो सकते हैं। सूत्रों की मानें, तो आर्मी ने एक आतंकी को ट्रैप कर लिया है।। उसे शुरुआती गोलीबारी में ही चोट लग गई थी। बता दें कि पिछले सप्ताह भी बारामूला में मुठभेड़ हुई थी। जिसमें सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया है। आतंकियों के पास से दो हथियार भी बरामद किए थे। बारामूला की 19 डिविज़न के जनरल आर.पी.कलिता ने कहा था कि करीब 60-70 पाकिस्तान घुसपैठिये सीमापार से घुसने के लिए तैयार हैं।
इसके अलावा बीएसएफ जवान मोहम्मद रमजान पारे की आतंकियों द्वारा हत्या के बाद सुरक्षाबलों ने हाजिन इलाके में एक्शन किया था। सेना ने हाजिन में बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया था।
मध्य कश्मीर में आतंकी मुठभेड में जेसीओ शहीद
मध्य कश्मीर के बडग़ाम जिले में कल देर रात सेना के एक काफिले पर आतंकवादियों के घात लगाकर किए गए हमले में सेना का एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) शहीद हो गया। रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने आज यूनीवार्ता को बताया कि बडग़ाम जिले के दरांग में कल रात सेना के काफिले पर आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया जिसमे सेना का एक जेसीओ शहीद हो गया। सैन्यकर्मियों ने भी इसका करारा जवाब दिया लेकिन आतंकवादी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। उन्होंने बताया कि जेसीओ की पहचान राजकुमार के तौर पर की गई है जो 53 राष्ट्रीय रायफल्स में तैनात थे।
श्रीनगर के शहर ए खास, सिविल लाइन में पाबंदियां
कश्मीर में चोटी कटने की घटनाओं के खिलाफ अलगाववादी संगठनों की ओर से बुलाई गयी हड़ताल के मद्देनजर किसी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए यहां के पुराने इलाके, शहर खास तथा सिविल लाइन के कुछ इलाकों में आज कफ्र्यू जैसी पाबंदी लगाई गई। हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारुख का गढ़ समझी जाने वाली ऐतिहासिक जामा मस्जिद का मुख्य द्वार आज बंद रहा। मस्जिद में लोगों को प्रवेश को रोकने के लिए बड़ी तादाद में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया।
पुलिस ने कहा कि एम आर गंज, नौहट्टा, खानयार, सफा कदल तथा रैनावारी थाने के अंतर्नत आने वाले इलाकों में धारा 144 लगाया गया है। इसी प्रकार पुराने शहर करालकुल्द तथा मैसूमा में भी प्रतिबंध लगाया गया है। हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़े तथा जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट की ओर से चोटी कटने की घटनाओं के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया गया है। पिछले एक महीने में घाटी में दस से अधिक महिलाओं की चोटी कटने का मामला सामने आया है।
सुरक्षा कारणों से घाटी में रेल सेवा स्थगित
चोटी काटे जाने की घटनाओं के विरोध में अलगाववादियों के हड़ताल के आह्वान को देखते हुए कश्मीर घाटी में आज सुरक्षा कारणों से रेल सेवा को स्थगित कर दिया गया। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमने पुलिस के परामर्श के बाद सुरक्षा कारणों से घाटी में चलने वाली सभी ट्रेनों को स्थगित कर दिया है।” उन्होंने बताया कि उत्तर कश्मीर के बारामूला से लेकर मध्य कश्मीर के श्रीनगर-बडगाम के बीच सभी ट्रेनों को स्थगित कर दिया गया है। इसी प्रकार दक्षिण कश्मीर के श्रीनगर-अनंतनाग-काजीकुंड से लेकर जम्मू क्षेत्र के बनिहाल के बीच भी कोई ट्रेन नहीं चलेगी।
घाटी में चोटी प्रकरण को लेकर सुरक्षा कारणों से ट्रेन सेवायें स्थगित किए जाने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले छह अक्टूबर को जुम्मे की नमाज के बाद चोटी काटने की घटनाओं के विरोध में शुरू हुए प्रदर्शन के कारण दोपहर के बाद एक बजे से ट्रेन सेवाओं को स्थगित कर दिया गया था। उन्होंने बताया, “हम घाटी में रेल सेवाओं को स्थगित या बहाल करने का काम राज्य प्रशासन और पुलिस की सलाह तथा मशविरा मिलने के बाद ही करते हैं।”