जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में बकरवाल समुदाय की आठ साल की लड़की आसिफा से बर्बर गैंगरेप और उसके बाद हत्या मामले को लेकर जम्मू में तनाव पैदा हो गया है। इसी साल जनवरी में हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में पुलिस ने 8 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। स्थानीय बार एसोसिएशन का ‘आश्चर्यजनक ढंग’ से आरोपियों के पक्ष में प्रदर्शन हो रहा है। एसोसिएशन ने पुलिस की कार्रवाई को ‘‘अल्पसंख्यक डोगरा को निशाना बनाने वाला’’ बताते हुए आज बंद का आह्वान किया है। गैंगरेप मामले और उसके बाद हुई कार्रवाई की जांच वह सीबीआई से कराने की मांग कर रहे हैं। वहीं राज्य पुलिस ने वकीलों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया जिन्होंने उन्हें आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर (चार्जशीट) करने से रोकने का कथित रूप से प्रयास किया।
महबूबा मुफ्ती सरकार के दो बीजेपी मंत्रियों लाल सिंह और चंद्र प्रकाश गंगा ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। बकरवाल मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाली पीड़िता 10 जनवरी को यहां से 90 किलोमीटर दूर कठुआ के रासना गांव के पास के जंगलों में बने अपने घर से गायब हो गई थी। एक सप्ताह बाद उसका शव पास के इलाके से मिला था और मेडिकल जांच में गैंगरेप का पता चला था। शुरूआती जांच में पुलिस ने एक नाबालिग को पकड़ा था। बाद में मामला जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा को सौंपा गया था। 9 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने केस के आठ आरोपियों के खिलाफ 18 पन्नों का चार्जशीट दाखिल किया। इस दौरान वकीलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान झड़पें हुई। चार्जशीट की मानें तो आरोपियों की बर्बरता हैरान करने वाली है।
चार्जशीट के अनुसार पीड़िता के पिता मोहम्मद युसुफ ने 12 जनवरी को हीरानगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि बेटी 10 जनवरी को जानवरों के लिए जंगल से घास लाने गई थी, जिसके बाद वो लौट कर नहीं आई। युसुफ की ओर से FIR दर्ज कराए जाने के बाद संजी राम के भतीजे को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले की संजीदगी और स्थानीय लोगों में रोष के चलते 22 जनवरी को मामला क्राइम ब्रांच को दिया गया। चार्जशीट के अनुसार पूरे काण्ड की साजिश संजी राम ने ही रची थी। उसने पीड़िता के अपहरण, रेप और हत्या की योजना बनाई। संजी राम ने अपनी इस साजिश में खजुरिया के विशेष पुलिस अधिकारी और एक नाबालिग को शामिल किया।
दीपक अपने दोस्त विक्रम के साथ गया और बिटू मेडिकल स्टोर से इपट्रिल नाम दी दवा खरीदी। दवा का नाम संजी राम ने दीपक को बताया था। चार्ज शीट के मुताबिक इसी दिन संजी राम ने युसुफ की बेटी का अपहरण किया। उसने कहा कि यह लड़की जंगल में आती है। 10 जनवरी को जब लड़की जंगल में जानवरों को खोज रही थी, उसी वक्त संजीराम का भतीजा उसे बहला फुसला कर अपने साथ ले गया। जहां उसने गर्दन पकड़ कर लड़की को गिरा दिया। बेहोश हो चुकी लड़की का नाबालिग और उसके साथी मन्नू ने रेप किया। इसके बाद उसे एक मंदिर में ले गए जहां उसे बंधक बना कर रखा।
चार्जशीट के मुताबिक 11 जनवरी को नाबालिग ने एक अन्य शख्स विशाल को लड़की के अपहरण की जानकारी दी। उसने विशाल से कहा कि अगर वो अपनी हवस बुझाना चाहता है तो मेरठ से आ जाए। 12 जनवरी को विशाल वहां पहुंचा और फिर सुबह 8.30 बजे मंदिर गए। इसके बाद विशाल ने भूखे पेट बंधक बनी लड़की को नशे की तीन गोलियां दीं। चार्जशीट में कहा गया है कि जब संजी राम ने कहा कि अब लड़की की हत्या कर उसे ठिकाने लगाना होगा तो विशेष पुलिस अधिकारी खजुरिया ने कहा कि इंतजार करो, मैं भी रेप करुंगा। सभी ने 8 वर्षीय बच्ची का रेप किया। इसके बाद उसकी हत्या कर दी। आरोपियों ने पीड़िता के सिर पर हमला कर उसकी हत्या की। इसके बाद उसका शव जंगल में फेंक दिया। चार्जशीट के अनुसार मामले की जांच कर रही पुलिस टीम ने रेप के आरोपी नाबालिग की मां से डेढ़ लाख रुपए उस बचाने के नाम पर घूस लिए।
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