जम्मू-कश्मीर के शोपियां में कल आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए मेजर कमलेश पांडे का शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया गया।कमलेश का अंतिम संस्कार उत्तराखंड में हलद्वानी के रानीबाग में किया गया।
Haldwani, Uttarakhand: Last rites ceremony of Major Kamlesh Pandey who lost his life in #Shopian (J&K) encounter yesterday. pic.twitter.com/LhQ92BU1rT
— ANI (@ANI_news) August 4, 2017
कमलेश पांडे उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के कनालीछीना गांव रहने वाले थे, लेकिन पिछले कुछ अरसे से उनका परिवार हलद्वानी के ऊंचा पुल इलाके में रह रहा है। मेजर पांडे की शहादत से उनका पूरा परिवार गम में डूबा है, लेकिन उनके पिता को उनकी शहादत पर गर्व है। कमलेश के पिता मोहन चंद्र पांडे भी रिटायर्ड फौजी हैं।
कमलेश पांडे के छोटे भाई धीरेश पांडे भी आर्मी में हैं। परिजनों से बातचीत के दौरान कमलेश के चचेरे भाई पंकज ने कहा कि पाकिस्तान जिस तरह भारत में आतंकवाद फैला रहा है, उसे खत्म करने के लिए एक बार आरपार की लड़ाई हो जानी चाहिए।
28 साल की उम्र में देश के लिए जान कुर्बान करने वाले मेजर कमलेश पांडे की पत्नी गाजियाबाद में नौकरी करती हैं। जबकि उनकी बेटी अभी सिर्फ दो साल की है। मेजर पांडे की शहादत से उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
बता दें कि सेना ने शोपियां जिले के जायपोरा इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद रात को इलाके की घेराबंदी कर एक खोज अभियान शुरू किया था। खोज अभियान के दौरान आतंकवादियों ने दल पर गोलीबारी शुरू कर दी जिसमें मेजर कमलेश पांडे और जवान तेनजिन चुलतिम शहीद हो गए थे।