श्रीनगर : मोहम्मद अशरफ सहराई को आज तहरीक- ए- हुर्रियत का अध्यक्ष चुना गया। वह सैयद अली शाह गिलानी का स्थान लेंगे। गिलानी पार्टी के अस्तित्व में आने के बाद से ही लगातार 15 साल तक अध्यक्ष पद पर रहे।
बता दें कि तहरीक- ए- हुर्रियत का गठन 2003 में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस में विभाजन के बाद हुआ था। अलगाववादी पार्टी के सूत्रों ने बताया कि गिलानी ने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया जिसके बाद पार्टी की कार्य समिति की बैठक में सहराई को अध्यक्ष चुना गया।
सूत्रों ने बताया कि बहरहाल, गिलानी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के प्रमुख बने रहेंगे जिसका एक घटक तहरीक- ए- हुर्रियत है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सेहराई हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख के तौर पर 88 वर्षीय गिलानी का स्थान लेंगे।
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