श्रीनगर: 182वीं सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) बटालियन कैंप पर मंगलवार तड़के करीब सवा चार बजे हुए फिदायीन हमले के बाद सुरक्षा बलों का ऑपरेशन खत्म हो गया है। छह घंटे से भी ज्यादा चले ऑपरेशन में सभी तीनों आतंकी मारे गए। बीएसएफ के एक एएसआई बीके यादव शहीद हुए और बीएसएफ के चार जवान घायल हो गए। इससे पहले मंगलवार तड़के आतंकी ग्रेनेड फेंकते हुए कैंप में घुसे। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। जहां हमला हुआ, उसको श्रीनगर का सबसे सुरक्षित इलाका माना जाता है। हमले के बाद पूरे श्रीनगर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया। श्रीनगर एयरपोर्ट के पास के सभी स्कूल बंद कराए गए हैं।
#Visuals from the vicinity of Srinagar Airport; passengers stranded as way to the airport has been closed after attack on BSF camp nearby. pic.twitter.com/95hK6SsHAb
— ANI (@ANI) October 3, 2017
सूत्रों की मानें, तो आतंकी पास की ही एक कॉलोनी से आए थे। उन्होंने सबसे पहले एक रिटायर्ड आईजी के घर पर हमला किया। आतंकी किसी वाहन पर नहीं बल्कि पैदल ही आए थे।
हमले के पीछे जैश-ए-मुहम्मद के अफजल गुरू स्क्वॉड का हाथ होने की आशंका है। पुलवामा हमले के बाद माना जा रहा था कि जैश-ए-मोहम्मद के दो या तीन और फिदायीन दस्ते घाटी में मौजूद हैं। जिन्होंने पिछले महीने पुंछ से नियंत्रण रेखा पार कर घाटी में घुस आए थे।
गौरतलब है कि भारतीय थलसेना ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में दो आतंकी हमलों को नाकाम कर दिया था। सेना ने पहले बारामुला जिले के रामपुर सेक्टर और कुपवाड़ा जिले के तंगधार सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की दो कोशिशों को नाकाम कर दिया था और इस दौरान पांच आतंकवादियों को मार गिराया गया। इससे पहले थलसेना ने कुपवाड़ा जिले के तंगधार सेक्टर में भी घुसपैठ की एक कोशिश नाकाम कर दी थी।
इस बारे में रक्षा प्रवक्ता ने बताया था कि चौकस सैनिकों ने बारामुला जिले के रामपुर सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ की एक कोशिश नाकाम कर दी थी। उन्होंने कहा कि इस दौरान दो आतंकवादियों को मार गिराया गया और उनके पास से दो राइफलें बरामद की गईं।