जम्मू कश्मीर में आतंकियों को धन मुहैया कराने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इसमें आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाहुद्दीन, लश्कर-ए-तैयबा के हाफीज सईद को चार्जशीट में मुख्य आरोपी बनाया है। इसके अलावा इस चार्जशीट में अल्ताफ़ अहमद शाह, अयाज़ अहमद, पीर सैफ्फुला, शाहे-उल-इस्लाम, मेहराजुद्दीन कलवल, नईम खान, फारूख अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, जहूर अहमद वडाली के नाम शामिल हैं।
इन सभी आरोपियों को पिछले साल 24 जुलाई को NIA ने कश्मीर से गिरफ्तार किया था। मालूम हो कि कश्मीर में आठ जुलाई 2016 को हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर बॉय बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद घाटी में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस मामले में आरोपपत्र दायर करने के लिए जांच के दौरान बड़ी मात्रा में सामग्री और तकनीकी साक्ष्य एकत्रित किए गए थे। इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की छह महीने की पुलिस और न्यायिक हिरासत आज खत्म हो रही है।
आतंक रोधी कानून ‘गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत अभियोजन एजेंसी को छह महीने के भीतर आरोपपत्र दायर करना होता है। ऐसा करने में नाकाम रहने पर आरोपी जमानत के योग्य हो जाते हैं। NIA ने तब कहा था कि हुर्रियत के सदस्यों समेत उन अलगाववादी नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज की गई है, जिनकी हिजबुल मुजाहिदीन, दुख्तरान-ए-मिल्लत, लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकी संगठनों के साथ साठगांठ थी। ये हवाला समेत कई गैर कानूनी रास्तों से अलगाववादी और आतंकी गतिविधियों के लिए फंड जुटा रहे थे। इन गतिविधियों में सुरक्षा बलों पर पथराव, स्कूलों को जलाना, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना शामिल है।
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