कर्नाटक में सरकार गठन को लेकर मध्यरात्रि को हुई सुनवाई के बाद अब वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सरकार गठन के लिए आमंत्रित किये जाने के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का आज दरवाजा खटखटाया।
करीब 10 माह पहले सक्रिय वकालत से संन्यास की घोषणा कर चुके पूर्व कानून मंत्री ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया था।
श्री जेठमलानी ने कहा, ‘ मैं निजी हैसियत से राज्यपाल के फैसले को चुनौती देता हूं। ‘ उन्होंने कहा कि कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला ने भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद के शपथ-ग्रहण के लिए आमंत्रित करके संवैधानिक अधिकारों का दुरुपयोग किया है।
मुख्य न्यायाधीश ने श्री जेठमलानी से कहा कि कर्नाटक से संबंधित मामला न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सिकरी की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय खंडपीठ सुन रही है और पूर्व कानून मंत्री को उसी के समक्ष जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि संबंधित पीठ कल सुनवाई करेगी और श्री जेठमलानी को वहीं जाना चाहिए। इसके बाद श्री जेठमलानी अदालत कक्ष से बाहर आ गये। ऐसी संभावना है कि कल वह न्यायमूर्ति सिकरी के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख करेंगे।
गौरतलब है कि कर्नाटक-जनता दल सेक्यूलर (जद एस) ने राज्यपाल के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया और रात सवा दो बजे से सुबह साढ़ पांच बजे तक सुनवाई हुई। न्यायालय ने श्री येदियुरप्पा के शपथ-ग्रहण पर रोक से मना कर दिया, लेकिन उनका पद पर बने रहना न्यायालय के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा।
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