भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान डीपीएस स्कूल की बस दुर्घटना में घायल हुए बच्चों को देखने इन्दौर के बाम्बे हास्पिटल पहुंचे। उन्होंने हास्पिटल के डाक्टरों से चर्चा कर बच्चों के बेहतर से बेहतर इलाज के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने घायल बच्चों के परिजनों से भी चर्चा की तथा उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार बच्चों की सुरक्षा एवं चिकित्सा के लिए हर संभव व्यवस्था सुनिश्चित करायेगी।
उल्लेखनीय है कि गत 5 जनवरी को डीपीएस की बस दुर्घटना में 4 मासूम बच्चों की मौत हो गई थी तथा 6 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गये थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह बहुत ही हृदयविदारक घटना है, जिसके कारण 4 बच्चे असमय ही अपने परिवार से बिछुड़ गये। इस घटना से पूरा इंदौर शहर दु:खी व व्यथित है। उन्होंने कहा कि मैं दुख की इस घड़ी में मासूम बच्चों के परिवारों के साथ खड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि बाम्बे आस्पताल में 6 मासूम बच्चों की सर्जरी हुई है।
डाक्टरों द्वारा इन मासूम बच्चों के इलाज के हरसंभव प्रयास किये जा रहे है। डाक्टरों से कहा गया है कि यदि शहर से बाहर के डाक्टरों को बुलाना पड़े तो उन्हें बुलाकर चिकित्सा की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि इस घटना की विस्तृत जांच के आदेश दे दिये गये हैं। आईएएस अधिकारी द्वारा जांच करायी जा रही है। जांच रिपोर्ट 15 दिन में प्राप्त हो जायेगी।
जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि इस दुर्घटना को दृष्टिगत रखते हुए क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को हटाने का फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार की बस दुर्घटनाएं दुबारा न हो इसलिए सरकार ने फैसला लिया है कि 15 साल से पुरानी बसें नहीं रखी जायेगी। पन्द्रह साल से पुरानी बसों को रिप्लेस करने के निर्देश दिये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर जिले में अब एक ऑटोमैटिक फिटनेस सेन्टर होगा, जिसमें बस सीधे अंदर जायेगी और फिटनेस की जांच ऑटोमैटिक तरीके से हो जायेगी ताकि मेन्युअल आधार पर फिटनेस की जांच को समाप्त किया जा सके।
स्कूली बसों की स्पीड भी अधिकतम 40 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। यदि ज्यादा गति पायी जाती है तो बस चालक के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने केन्द्रीयकृत डाटा सेन्टर बनाने का भी निर्णय लिया है। इस सेन्टर के माध्यम से बसों की लोकेशन और स्पीड का अनुमान लगाया जा सकेगा कि कौन सी बस निर्धारित स्पीड से ज्यादा गति पर चल रही है। इससे बसों की स्पीड मॉनिटरिंग में मदद मिलेगी तथा ज्यादा गति से चलाने वाले बस चालकों के विरूद्ध कार्यवाही की जा सकेगी।