भोपाल : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने जबलपुर डिस्ट्रिक्स अस्पताल की डॉक्टर रचना शुक्ला द्वारा भाजपाईयों की गुण्डागर्दी से व्यथित होकर इस्तीफा देने के घटनाक्रम को शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक आश्चर्य की बात तो यह है कि मुख्यमंत्री अभी तक चुप क्यों हैं?
उन्होंने तत्काल एफआईआर दर्ज कर दोषियों पर कार्यवाही करने के निर्देश क्यों नहीं दिये? क्या यह माना जाये कि प्रदेश में भाजपाई जो गुण्डागर्दी कर रहे हैं उस पर शिवराजसिंह की मौन स्वीकृति है? कमलनाथ ने कहा है कि डॉ. रचना शुक्ला इस गुंडागर्दी मामले की रिपोर्ट करने थाने गयीं थीं, जहां उन्हें कोई रिस्पांस नहीं मिला। उन्होंने इस्तीफे में साफ तौर पर लिखा कि अस्पताल में ड्यूटी के दौरान गुंडों ने उनकी इज्जत उतार लेने और गंदी-गंदी बातें कहीं, जिससे वे आहत हैं।
घटना के संबंध में उन्होंने सभी साक्ष्य प्रस्तुत किये हैं। इस घटना की उन्होंने सीनियर अधिकारियों से भी शिकायत की, लेकिन सभी चुप हैं। डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट की धज्जियां उड़ गयीं। उन्होंने कहा कि यह घटना दर्शाती है कि प्रदेश में सभी अधिकारी एक अदृश्य डर के वातावरण में काम कर रहे हैं।
जो भी मुंह खोलता है उसका हाल डॉ. रचना शुक्ला जैसा कर दिया जाता है। उनके साथ जिस तरह की अश्लील भाषा का प्रयोग किया गया उसे बताने में भी शर्म आती है। लेकिन शिवराज सिंह हैं कि महिलाओं को लगातार सुरक्षा का आश्वासन देते हुए यह कहते नहीं थकते कि ‘मैं हूं ना’। लेकिन मैं पूछता हूं, मामाजी आप कहां हैं? कमलनाथ ने कहा कि यह घटना तो एक बानगी है। पूरे प्रदेश में अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ यही हो रहा है। सभी त्रस्त हैं और डरे हुए हैं और मुख्यमंत्री आनंद मंत्रालय बनाकर बेफिक्र हैं।
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