कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और अयोध्या विवाद को लेकर सुन्नी वक्फ बॉर्ड की तरफ से केस लड़ रहे वकील कपिल सिब्बल को पार्टी ने फरमान सुनाया है कि वे इस केस को छोड़ दें। दरअसल, कपिल सिब्बल बाबरी मस्जिद केस की पिछली कुछ सुनवाइयों में मौजूद नहीं रहे हैं। माना यह भी जा रहा है कि आगे भी वह सुनवाई से दूर रह सकते हैं।
इस केस को लड़ रहे मुस्लिमों का कहना है कि जहां तक वे जानते हैं कि सिब्बल ने कुछ समय के लिए ब्रेक लिया है। रिपोर्ट के अनुसार, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि कांग्रेस ने कपिल सिब्बल को क्या निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें संवैधानिक मुद्दों पर कपिल सिब्बल की जरूरत है।
इस केस की अगली सुनवाई 6 अप्रैल को होगी। इस सुनवाई में सबकी निगाहें इसपर टिकी हैं कि कपिल सिब्बल आगामी सुनवाई में बाबरी मस्जिद केस की पैरवी करने आते हैं या नहीं। बता दें कि बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार विपक्षी पार्टी और सिब्बल पर कोर्ट और राजनीति में दोहरी भूमिका निभाने को लेकर निशाना साधते रहे हैं।
गुजरात विधानसभा चुनाव के समय पीएम मोदी ने कपिल सिब्बल पर निशाना साधते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को संवेदनशील बाबरी मस्जिद केस की सुनवाई को स्थगित करना चाहिए और इसे 2019 के आम चुनावों के बाद जारी किया जाए। वहीं इस पर सिब्बल ने कहा था कि 2019 के आम चुनावों से इस मामले को दूर रखना चाहिए।
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