कश्मीर के विस्थापित पंडितों के एक संगठन ने संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाने की आज मांग करते हुए दावा किया कि इन प्रावधानों से जम्मू कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद के फलने फूलने में मदद मिली है।
पनुन कश्मीर के अध्यक्ष अश्विनी कुमार चुरऊंगू ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमारा मानना है कि अब इन प्रावधानों (अनुच्छेद 370 और 35ए) को हटाये जाने का समय आ गया है और इन प्रावधान से राज्य में केवल अलगाववाद और आतंकवाद के बढऩे में मदद मिली है।
पनुन कश्मीर के सदस्यों की एक टीम ने कश्मीर और कश्मीरी पंड़ितों से संबंधित मुद्दों पर लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए हाल में मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और दिल्ली का दौरा किया था।
टीम का नेतृत्व करने वाले चुरऊंगू ने कहा कि इन राज्यों के लोगों ने संविधान के अनुच्छेदों को हटाये जाने का समर्थन किया था। ये अनुच्छेद अलगाववाद के लिए एक संवैधानिक दायरा बनाने के लिए जिम्मेदार है।
आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन और उसके नेता सैयद सलाहुद्दीन पर अमेरिकी प्रतिबंध का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि हम इस कदम की सराहना करते है और इसे घाटी में आतंकवाद को समाप्त करने की दिशा में अमेरिाक की एक प्रतिबद्धता के रूप में देखा जाना चाहिए।