बिहार में सत्ता परिवर्तन हो चुका है, लेकिन लगता नहीं कि हालत में ज्यादा बदलाव हुआ है JDU -BJP सरकार में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे पर आरोप है कि बिहार के स्वास्थ्यमंत्री मंगल पांडेय के सरकारी आवास पर एक अगस्त को चार डॉक्टरों की नियुक्ति की गई । इसे लेकर बिहार में राजनीति उबाल पर है। बता दे कि RJD सुप्रीमो लालू यादव ने मंगल पांडेय पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें क्या बीमारी थी कि डॉक्टर बुलाए गए थे।
बिहार के स्वास्थ्यमंत्री ने स्थायी रूप से अपने घर 4 डॉक्टर्स की तैनाती करवाई है. लालूजी के यहा attendantकी 2दिन की नियुक्ति राष्ट्रीय बहस थी pic.twitter.com/AZjQPcfQDH
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 12, 2017
उन्होंने पूछा कि जब तेजप्रताप स्वास्थ्यमंत्री थे तो उनके आवास पर जब डॉक्टरों की नियुक्ति की गई थी तो बवाल मचा था और बीजेपी के लोगों ने कितने तरह के आरोप लगाये थे और आज पद मिलने पर वही काम कर रहे हैं। इस बारे में स्वास्थ्यमंत्री को जवाब देना चाहिए कि डॉक्टर बुलाए गए थे तो बताएं कि कौन सी उन्हें गंभीर बीमारी थी कि चार डॉक्टर बुलाए गए।
वही अपनी सफाई में मंगल पांडे ने कहा कि जैसे ही मैंने मंत्री का पद संभाला, वैसे ही मेरे आवास पर चिकित्सा सहायता के लिए लोगों का आना शुरू हो गया। मेरा कार्यालय तैयार नहीं हुआ । अधिकारियों की नियुक्ति नहीं हुई थी। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की मदद से मैंने अपने आधिकारिक निवास पर डॉक्टरों को नियुक्त किया। जो लोग मेरे आवास पर आ रहे थे। डॉक्टरों ने केवल उन लोगों को परामर्श दिया। मेरे परिवार का कोई भी सदस्य वहां नहीं रहता ।
बात दे कि इससे पहले, बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने पटना में अपने सरकारी आवास पर तीन सरकारी डॉक्टरों और दो पुरुष नर्सों की एक चिकित्सा टीम को एक सप्ताह से अधिक समय से इलाज करने के लिए नियुक्त कर लिया था जिसके बाद पता चला कि किसी को बुखार था।
इदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आईजीआईएमएस) की एक मेडिकल टीम को 31 मई से 8 जून के बीच लालू यादव के आवास पर तैनात की गई थी।