इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू छह दिवसीय भारत दौरे पर हैं। आपको बता दे कि इससे पहले 15 साल पहले इजरायल के तत्कालीन पीएम ऐरल शेरॉन ने 2003 में भारत का दौरा किया था। इस दौरान सबसे पहले भारत के प्रधानमंत्री और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपनी पत्नी संग तीन मूर्ति चौक पहुंचे। जहां उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कुछ मिनट का मौन रखा।
आपको बता दे कि इजरायल के प्रधानमंत्री के भारत आने से पहले ही तीन मूर्ति चौक और तीन मूर्ति मार्ग का नाम बदल दिया गया था। अब इसे तीन मूर्ति हाइफा चौक और तीन मूर्ति हैफा मार्ग के तौर पर जाना जाएगा। आपको बता दे कि हाइफा सिटी का नाम है जो इस्राइल में है।
बता दे कि ये जगह भारत और इजरायल के सौ साल पुराने रिश्ते को जोड़ता है। पहले विश्वयुद्ध के वक्त यानी 100 साल पहले हिंदुस्तान के वीर योद्धाओं ने हाइफा को तुर्कों से मुक्त कराया था।हाइफा इजरायल में समुद्र के किनारे बसा एक छोटा सा शहर है। इस समय ये इजरायल का ये शहर दुनिया के दो मजबूत देशों को जोड़ने वाली सबसे बड़ी कड़ी बन गया है। 100 साल पहले हुए इस युद्ध में भारतीयों सैनिको की वीरता ने अब इन्हें और मजबूती से जोड़ा दिया है।
आपको बता दे कि इस ब्रिगेड ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 23 सितंबर 1918 को हाइफा पर विजयी हमला किया था। इसे विजयी हमला इसलिए कहा गया क्योंकि मुस्लिम तुर्कों से फिलिस्तीनी लोगों की मुक्ति के लिए भारत के तीन राज्य (जोधपुर, हैदराबाद और मैसूर) से इजरायल में सैनिक भेजे गए थे।
भारतीय सैनिकों ने इसके लिए इजरायल के हाइफा शहर में युद्ध किया। इस युद्ध से जुड़े सभी विभिन्न पहलू वीरता का वर्णन करते हैं। जब लांसर्स ने ओटोमन (उस्मानी साम्राज्य),जर्मनी और ऑस्ट्रिया-हंगरी के संयुक्त बल द्वारा संरक्षित गैरीसन शहर पर हमला किया। हाइफा की मुक्ति ने समुद्र के माध्यम से मित्र राष्ट्रों के लिए आपूर्ति मार्ग को मंजूरी दी। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हाइफा की आजादी के लिए 44 भारतीय सैनिकों ने अपने प्राणों का बलिदान किया। अब तक से ही 61 कैवलरी 23 सितंबर को जयंती दिवस या ‘हाइफा दिवस’ के रूप में मनाते हैं।
अब हर साल इजरायल और भारत में इन शहीदों को याद किया जाता है। पिछले साल जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल गए थे, तो वो उन्होंने भी इजरायल में बने स्मारकों पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी।
23 सितंबर को हाइफा दिवस
23 सितंबर को हुए युद्ध में भारतीय सेना के 44 जवान शहीद हो गए थे। जवानों की शहादत को याद करते हुए हर साल हाइफा में 61 कैवलरी 23 सितंबर को जयंती दिवस या ‘हाइफा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। वहीं, बात भारत और इजरायल के रिश्तों की जाए तो दोनों देशों के बीच पिछले एक दशक में 670 अरब रुपये का कारोबार हुआ है। 1990 से ही दोनों देशों के बीच सैन्य संबंध बेहद ही अहम रहे हैं। इजरायल ने भारत को हथियार बेचने की मंशा से रिश्तों को मजबूत किया और कामयाब भी रहा।
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