नागपुर : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज महाराष्ट्र को कई समाज सुधारकों, क्रांतिकारियों और संतों की कर्मभूमि बताया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र उद्योग और कारोबार के साथ-साथ संस्कृति और कला का गढ़ भी रहा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र ने हमेशा से सामाजिक सुधार और स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाई है। कोविंद ने कहा कि राज्य ने महिला शिक्षा और दलितों के सशक्तीकरण के जरिये पूरे देश को राह दिखाई है। सुरेश भट्ट नाट्य सभागृह के उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने यह बात कही। राष्ट्रपति बनने के बाद कोविंद पहली बार महाराष्ट्र की यात्रा पर आए हैं।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख केंद्रों में से एक था। वर्ष 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन सहित स्वतंत्रता संग्राम के कई अध्याय महाराष्ट्र में लिखे गए थे। महात्मा गांधी ने गोखले को अपना गुरु बनाया और नागपुर के वर्धा संभाग को अपनी कर्मभूमि।