शिवसेना के सांसद संजय राउत ने रविवार को घोषणा की है कि वह कर्नाटक विधानसभा चुनाव लड़ेगी। साथ ही महाराष्ट्र से सटे कर्नाटक के क्षेत्र में मराठी भाषियों के लिए संघर्ष कर रही महाराष्ट्र एकीकरण समिति को शिवसेना समर्थन देगी। शिवसेना कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों में से चुनिंदा 50-55 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी। इससे पूर्व शिवसेना गोवा, उत्तर प्रदेश और गुजरात में हुए चुनावों में बीजेपी के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े कर चुकी है।
राउत ने कहा, ‘‘शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पहले ही यह घोषणा कर चुके हैं कि हमारी पार्टी अकेले चुनाव लड़ने जा रही है और इसी के तहत हमने कर्नाटक में भी अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय किया है। हम लगभग 50-55 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे लेकिन हम महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) का समर्थन करेंगे जो महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच विवादित क्षेत्रों में रहने वाले मराठी लोगों का प्रतिनिधित्व करती है।’’
पार्टी के एक प्रस्ताव में ठाकरे ने घोषणा की थी कि शिवसेना वर्ष 2019 में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव अपने बलबूते लड़ेगी। महाराष्ट्र वर्तमान में कर्नाटक में स्थित बेलगाम, कारवार और लगभग 800 गांवों को उसे सौंपने की मांग कर रहा है। उसका दावा है कि इन स्थानों पर मराठी बोलने वाले लोगों का प्रभुत्व है। राउत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से कर्नाटक के विवादित क्षेत्रों में बीजेपी के लिए प्रचार नहीं करने की भी अपील की। राउत ने कहा कि हम जीतें या न जीतें, लेकिन लड़ेंगे जरूर।
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