फुटबॉल खिलाड़ी से लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी बने और एक पखवाड़ पहले हिंसा का रास्ता छोड़ अपने घर लौटने वाले माजिद इरशाद खान को पढ़ाई और खेलकूद में अपना भविष्य बनाने के लिए राज्य के बाहर भेजा गया है।
सेना के सूत्रों ने बताया कि माजिद के परिवार के लागों को विश्वास में लेने के बाद ही उसे राज्य से बाहर भेजा गया है ताकि वह अपनी आगे की पढ़ाई पूरी कर सके और खेल में अपना करियर बना सके। विक्टर फोर्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) मेजर जनरल बी एस राजू ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि सेना ने उसे (माजिद को) पढ़ाई पूरी करने या फिर खेलकूद में करियर बनाने के लिए राज्य के बाहर भेजा है। माजिद के समर्पण के तुरंत बाद प्रसिद्ध फुटबॉल खिलाड़ी बाईचुंग भुटिया ने उसे फुटबॉल में अपने सपने साकार करने के लिए गोलकीपर बनने का प्रस्ताव रखा। भुटिया ने इसके लिए माजिद को नयी दिल्ली स्थित बाईचुंग भुटिया फुटबॉल स्कूल में प्रशिक्षित करने का भी प्रस्ताव रखा।
जीओसी राजू ने कहा कि माजिद यदि मुख्यधारा का हिस्सा और अपना करियर बनाने में जुट जाता है तो यह स्थानीय उग्रवादियों के लिए ज्वलंत उदाहरण की तरह काम करेगा। बाद में आतंकवादी भी उसकी ही तरह बनने का प्रयास करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि माजिद की शिक्षा पर सरकार या सेना मदद करेगी तो उन्होंने कहा कि अधिकांश खर्च उसके परिवार के लोग करेंगें।
उन्होंने कहा कि दक्षिण कश्मीर में कुछ दिन पहले एक अन्य आतंकवादी ने भी आत्मसमर्पण किया है लेकिन उसके बारे में कोई खुलासा नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा,’अब समर्पण करने वाले किसी भी आतंकवादी के बारे में सुरक्षा कारणों से कोई जानकारी नहीं दी जाएगी।’ उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले आतंकवादी की क्षमता और उसकी रुचि के हिसाब से उनका पुनर्वास किया जाएगा।
उन्होंने कहा,’किसी भी व्यक्ति के पुनर्वास के समय उसकी शैक्षणिक और पारिपरिक पृष्ठभूमि के साथ-साथ उसकी क्षमता तथा उसकी पसंद का भी ख्याल रखा जाएगा।’
उन्होंने कहा,’हम सभी स्थानीय आतंकवादियों से आतंक का रास्ता छोड़ समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील करते हैं। यदि वे आत्मसमर्पण करते हैं तो कानून के दायरे में रहकर आवश्यक कदम उठाये जायेंगें ताकि वे फिर से समाज का हिस्सा बन सकें।’
माजिद नवंबर के शुरुआत में काफी कम दिनों के लिए लश्करे तैयबा के साथ जुड़ रहा,हालांकि जब एके 47 राइफल हाथ में लिये माजिद की तस्वीर सोशल मीडिया पर जैसे ही वायरल हुई वैसे ही फेसबुक पर उससे घर लौटने की अपील करते हुए संदेशों से भर गये। माजिद से घर लौटने की अपील करती उसकी मां का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उसने गत 16 नवंबर को दक्षिण कश्मीर में सेना के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक मुनीर अहमद खान ने दावा किया कि यह माजिद का आत्मसमर्पण था और न ही उसकी गिरफ्तारी की गयी थी,बल्कि यह उसका घर वापसी था।
मेजर जनरल राजू ने माजिद के समर्पण को युवा व्यक्ति का साहसिक कदम बताया। दूसरी तरफ लश्करे तैयबा ने सुरक्षा बलों के दावों को साफ खारिज करते हुए कहा कि मां की अपील पर माजिद को घर लौटने की इजाजत दी गयी।
बहरहाल माजिद के आत्मसमर्पण से सेना समेत तमाम सुरक्षा बल खासे उत्साहित हैं जबकि आतंकवादियों के खेमे में निराशा की भावना घर करती जा रही है। सुरक्षा बलों की आत्मसमर्पण को लेकर की गयी संयुक्त अपील के बाद आतंकवादी खेमों में हलचल साफ मालूम होती है।
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