रायपुर: छत्तीसगढ़ ने जिला खनिज न्यास के मामले में राशि खर्च करने को लेकर भी बाजी मारी है। जिला खनिज फंड से मिली राशि खर्च कर विकास के कामों में भी छत्तीसगढ़ ने अन्य राजयों को पीछे छोड़ा है। खनिज बाहुल्य राज्यों में छत्तीसगढ़ भी शामिल है। यहां डीएमएफ से मिली राशि का उपयोग भी विकास कार्यों के लिए किए जाने के प्रावधान हैं। इसके तहत राजधानी समेत कई जिलों में इस फंड से रूके हुए काम आगे बढ़ाने में मदद मिली है।
राज्य सरकार ने अलग नीति निर्धारित की इस मामले में सख्ती दिखाई है। वहीं जिलों के फंड से संबंधित राशि को वहीं खर्च करने लिए जोर दिया। इस वर्ष 30 नवंबर 2017 तक की समीक्षा में छत्तीसगढ़ ने यह उपलब्धि हासिल की है। इस मामले में पूरा श्रेय भी सीएम रमन सिंह को दिया जा रहा है। खनिज विभाग मुख्यमंत्री रमन सिंह संभाले हुए हैं। पहले ही प्रदेश में औद्योगिकीकरण के संबंधित क्षेत्रों में सीएसआर की राशि खर्च करने में भी उपलब्धि हासिल हो चुकी है। सीएसआर की राशि के जरिए संबंधित क्षेत्रों में विकास कार्य कराए गए हैं।
राज्य के लगभग सभी जिलों में अलग-अलग तरह के खनिज संसाधनों की प्रचुरता है। सूत्र दावा करते हैं कि डीएमएफ फंड से प्रदेश में करीब 2565 करोड़ की राशि खर्च करने की स्वीकृति दी जा चुकी है। वहीं इनमें से अब तक 1202 करोड़ रूपए खर्च भी हो चुके हैं। ऐसी स्थिति में अन्य राज्यों में भी छत्तीसगढ़ के डीएमएफ माडल को फालो करने की संभावना है। राज्य सरकार ने डीएमएफ के कार्र्यो की मानिटरिंग के लिए भी अलग व्यवस्था की है। वहीं इसके लिए वेब पोर्टल का निर्माण किया है।
विभागीय अफसरों की मानें तो जल्दी ही वेब पोर्टल के जरिए ही कार्यों की मंजूरी के साथ ही भुगतान की व्यवस्था भी की जाएगी।
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